Badlapur Rape Case: नाबालिग बच्चियों से रेप के खिलाफ कब्जाया था रेल ट्रैक, 300 लोगों पर हुई FIR; अब तक 40 गिरफ्तार

Written By कुलदीप पंवार | Updated: Aug 21, 2024, 12:28 PM IST

Thane के Badlapur का रेलवे ट्रैक मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने 9 घंटे तक कब्जाए रखा था. (फाइल फोटो)

Badlapur Rape Case: महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बदलापुर में एक स्कूल के अंदर प्ले ग्रुप की दो छोटी बच्चियों का यौन उत्पीड़न होने पर जनता भड़क गई थी और मुंबई-पुणे रेलवे ट्रैक को पूरा दिन कब्जाए रखा था.

Badlapur Rape Case: महाराष्ट्र के बदलापुर शहर में स्कूल प्ले ग्रुप की दो बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न की घटना के बाद भड़की जनता पर भी उल्टी कार्रवाई शुरू हो गई है. ठाणे पुलिस (Thane Police) ने इस मामले में 300 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की है और अब  तक करीब 40 लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है. इन सभी पर पूरा दिन रेलवे ट्रैक पर कब्जा कर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया है. गिरफ्तार किए गए लोगों को कोर्ट में पेश किया जाएगा. उधर, बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न के आरोपी अक्षय शिंदे को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया है, जिसे तीन दिन के रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया गया है. 

पूरा दिन कब्जाकर रखा गया था रेलवे ट्रैक

बदलापुर में बच्चियों का 13 अगस्त को स्कूल के टॉयलेट में सफाई कर्मचारी द्वारा यौन शोषण करने का मामला सामने आया था. आरोपी सफाई कर्मचारी 1 अगस्त को ही स्कूल में नौकरी पर रखा गया था. इस मामले में पुलिस के कड़ी कार्रवाई नहीं करने पर मंगलवार को सैकड़ों लोगों की भीड़ गुस्से में रेलवे ट्रैक पर धरना देकर बैठ गई थी. इससे मुंबई-पुणे रेलवे ट्रैक पर ट्रेनों की आवाजाही बंद हो गई थी. करीब 30 ट्रेन रद्द करनी पड़ी थी, जबकि 12 ट्रेनों का रूट डायवर्ट करना पड़ा था. भीड़ ने पूरा दिन इस ट्रैक को कब्जाए रखा था. करीब 9 घंटे बाद पुलिस को लाठीचार्ज कर जबरन रेलवे ट्रैक खाली कराना पड़ा था. बदलापुर इलाके में इंटरनेट भी बंद कर दिया गया था. हालांकि इस प्रदर्शन के बाद राज्य सरकार जागी थी और इस मामले में तेजी से कार्रवाई की गई थी. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अफवाहों को रोकने के लिए इंटरनेट को कुछ दिन बंद रखा जाएगा.

प्रदर्शन के दौरान स्कूल पर भी की गई थी तोड़फोड़-आगजनी

बदलापुर में प्रदर्शनकारी ने आरोपी स्कूल में भी घुसकर वहां पत्थरबाजी और तोड़फोड़ की थी. स्कूल स्टाफ के साथ भी मारपीट की गई थी. इस दौरान स्कूल के करीब पार्किंग में खड़ी कई कारों में भी आग लगा दी गई थी. हालांकि मंगलवार को हुए बवाल के बाद महाराष्ट्र सरकार ने जांच में लापरवाही के लिए एक सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर समेत तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है. साथ ही जांच के लिए सीनियर IPS अफसर आरती सिंह की अध्यक्षता में विशेष जांच दल (SIT) गठित किया गया है. साथ ही इस केस की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराकर आरोपी को जल्द से जल्द सजा दिलाने का वादा किया गया है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पूरे मामले की निगरानी खुद करने की बात कही है.

पुलिस और स्कूल प्रशासन की टालमटोल के कारण हुआ बवाल

पीड़ित बच्चियों के अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल प्रशासन और पुलिस इस मामले में टालमटोल का रवैया अपनाए हुए थे. इसी कारण पब्लिक का गुस्सा भड़का है. पुलिस ने उनकी रिपोर्ट शिकायत देने के 12 घंटे बाद दर्ज की. इसके बाद भी बयान दर्ज कराने के लिए उन्हें स्कूल में 3 घंटे बैठकर पुलिस के आने का इंतजार करना पड़ा। स्कूल प्रबंधन ने पुलिस कार्रवाई शुरू होने के बाद प्रिंसिपिल, क्लास टीचर और एक महिला अटेंडेंट को सस्पेंड कर दिया है. 

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