डीएनए हिंदी: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले स्थिति बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों चर्चा में बने हुए हैं. कुछ लोग उन पर सनातन धर्म को बदनाम करने और अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगा रहे हैं. लोगों का आरोप है कि धीरेंद्र शास्त्री कोई चमत्कार नहीं करते , वह सिर्फ उनकी जादूगरी की कला है. इस पर धीरेंद्र शास्त्री ने एक फिर जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग सस्ती लोकप्रियता के लिए सवाल उठा रहे हैं, हम बस अपने सनातन धर्म और ऋषि परंपरा का प्रचार और पालन कर रहे हैं.
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, 'जादूगरी की अपनी सीमा होती है. हनुमान जी उड़कर लंका गए, इसको जादू से नहीं तोला जा सकता है. हम कोई जादूगरी नहीं करते, हम सिर्फ राम को जानते हैं. उन्हीं को पूजते हैं.' उन्होंने कहा कि कुछ लोग सनातन धर्म को बदनाम करने के लिए एजेंडा चला रहे हैं. आस्था पर सवाल खड़े करना अच्छी बात नहीं है. जो लोग इस तरह की साजिश कर रहे हैं, उन्हें भारत में रहने का कोई अधिकार नहीं है. भारत के इतिहास में आज तक ऋषि परंपार को कोई नहीं मिटा पाया.
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धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि घर वापसी अभियान की वजह से मिशनरी उनके पीछे पड़ी है. यह एक लंबी साजिश है, जो कुछ लोगों द्वारा की गई है. वैचारिक अंतर होना अलग बात है. आप अपनी बात रखिए, लेकिन किसी की भावना को ठोस नहीं पहुंचा सकते. यह बागेश्वर बालेश्वर धाम की महिमा है, यहां लोग खुद अपनी मर्जी से आते हैं. हम सिर्फ हनुमान चालीसा पढ़ते हैं. इससे पीड़ित व्यक्ति पर नकारात्मक प्रभाव की छवि कम हो जाती है और सकारात्मक बढ़ जाती है. आपको यह अधिकार नहीं है. रामचरित मानस को साथ जो किया गया, वह निंदनीय है और हर सनातनी को इन्हें इसका मजा सिखाना चाहिए.
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हमारी सिद्धि पर सवाल उठाना गलत
बागेश्वर धाम के बाबा ने कहा कि हमारी सिद्धि पर उंगली उठाना सही नहीं है. हमारे ईष्ट हनुमान जी अष्ट सिद्दि और नव निधि के दाता हैं. जिन्हें बागेश्वर धाम में लोगों के आने से दुख है, वह अपना टेंट लगाएं और लोगों को बुला लें. हमारे सविधान के धारा 25 के तहत नागरिक को जो हक है, वह हम करते हैं.
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