डीएनए हिंदी: पहले गुजरात दंगे पर डॉक्यूमेंट्री (BBC Documentary) और फिर इनकम टैक्स का सर्वे (BBC Income Tax Survey) के कारण ब्रिटिश न्यूज मीडिया कंपनी बीबीसी भारत में मुश्किलों में घिरी हुई है. इस बीच भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने ब्रिटिश समकक्ष की इस चिंता पर कहा है कि बीबीसी को भारत में काम करने वाली किसी भी कंपनी को भारत के नियमों का पालन करना होगा. उन्होंने कहा है कि भारतीय कानूनों का अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों को भी पालन करना होगा.
दरअसल, हाल ही भारतीय आयकर विभाग ने दो दिनों तक बीबीसी के कई दफ्तरों में सर्वे किया था और कई अहम दस्तावेज भी जब्त किए थे. इसके चलते ब्रिटिश विदेश मंत्री जेम्स क्लेवरली ने यह मुद्दा उठाया था. इसके जवाब में आज क्लेवरली के साथ द्विपक्षीय बातचीत के दौरान एस जयशंकर ने दो टूक कह दिया है कि बीबीसी को भारतीय नियमों को पालन करना ही होगा.
इसके अलावा आज एस जयशंकर ने क्लेवरली के साथ अपनी मुलाकात की कुछ तस्वीरें भी शेयर की है. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति की समीक्षा की और वैश्विक स्थिति के साथ-साथ जी-20 एजेंडे पर विचारों का आदान-प्रदान किया है.उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय बैठक के दौरान युवा पेशेवरों से जुड़ी योजनाओं को लेकर दोनों ने ज्यादा बातचीत की है.
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गौरतलब है कि पिछले दिनों बीबीसी ने 2002 के गुजरात दंगों पर एक डॉक्यूमेंट्री भी लॉन्च की थी जिसको लेकर काफी विवाद हुआ था. केंद्र सरकार ने इस डॉक्यूमेंट्री को बैन कर दिया था जिसके बाद विपक्षी दलों ने इसे अभिव्यक्ति की आजादी का हनन बताया था. डॉक्यूमेंट्री विवाद के बाद ही बीबीसी के दफ्तरों पर इनकम टैक्स का सर्वे भी हुआ था जिसे केंद्र सरकार द्वारा बीबीसी पर दबाव बनाने की कोशिश माना जा रहा था.
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