Bengaluru: 'बेंटा' से पीड़ित हुआ 7 महीने का बच्चा, दुनिया में केवल 13 लोगों को है यह बीमारी, बचाने की मुहिम शुरू

| Updated: Jan 25, 2022, 03:03 PM IST

विजयेंद्र की मां रेखा ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि स्टेम सेल डोनेट करने के लिए आप लोगों को सिर्फ 5 मिनट का समय लगेगा.

डीएनए हिंदी: बेंगलुरु में 7 महीने का एक मासूम बच्चा 'बेंटा' नाम की गंभीर और दुर्लभ बीमारी (Rare Disease) से पीड़ित है. दुनियाभर में इस इम्यूनो-डेफिशियंसी समस्या के केवल 13 मामले ही हैं. 7 महीने का विजयेंद्र इसका 14वां मरीज माना गया है. 

बता दें कि यह बीमारी एक दुर्लभ प्राइमरी इम्युनोडिफिशियेंसी डिसऑर्डर है. विजयेंद्र की जिंदगी केवल ब्लड स्टेम सेल ट्रांसप्लांट (Blood Stem Cell Transplant) से बच सकती है. बच्चे के इलाज के लिए ब्लड स्टेम सेल डोनर की जरूरत है जिसकी तलाश में ऑनलाइन अभियान शुरू किया गया है. 

वहीं मासूम को बचाने के लिए विजयेंद्र की मां रेखा ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि स्टेम सेल डोनेट करने के लिए आप लोगों को सिर्फ 5 मिनट का समय लगेगा. आप ऑनलाइन लॉगिन करके स्वैब सैंपल सबमिट करने के लिए आवेदन कर सकते हैं. उन्होंने कहा, 'इस काम में केवल पांच मिनट लगेंगे लेकिन मेरे बेटे का जीवन बच जाएगा.'

जानकारी के अनुसार, यह बीमारी अनुवांशिक म्यूटेशन की वजह से होती है. 

सबसे कम उम्र का बेंटा मरीज
बेंगलुरु में इस प्रत्यारोपण का पंजीकरण करने वाली संस्था डीकेएमएस-बीएमएसटी फाउंडेशन के अनुसार,  बेंगलुरू के एक प्रमुख अस्पताल के चिकित्सक डॉ. स्टालिन रामप्रकाश विजयेंद्र का इलाज कर रहे हैं. उन्हाेंने दावा किया कि विजयेंद्र विश्व में सबसे कम उम्र का बेंटा मरीज है. शुरुआती स्टेज में ही उसकी बीमारी सामने आ गई है.

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उन्होंने कहा, पिछले उपचारों के आधार पर हमें यह लगता है कि ब्लड स्टेम सेल की मदद से विजयेंद्र की जान बचाई जा सकती है और इसके लिए हमें मैचिंग के ब्लड स्टेम सेल की तलाश है.

आबादी के 0.04 फीसदी ही डोनर के तौर पर पंजीकृत

ब्लड स्टेम सेल डॉनेट करने के लिए DKMS-BMST फाउंडेशन ने वर्चुअल ड्राइव लॉन्च किया है. डोनर की तलाश में शुरू हुए ऑनलाइन अभियान में लोगों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में पंजीकरण करवाने और सैंपल देने के लिए कहा जा रहा है. डीकेएमएस-बीएमएसटी के सीईओ पैट्रिक पॉल ने बताया कि भारत की आबादी का 0.04 प्रतिशत ही स्टेम ब्लड सेल डोनेशन के लिए संभावित डोनर के तौर पर पंजीकृत है.

इस अभियान में शामिल होकर देशभर के लोग जांच के लिए अपना स्वैब सैंपल देकर विजयेंद्र की जीवन बचा सकते हैं.