डीएनए हिंदी: बाइक टैक्सी को लेकर देश में बड़ा बवाल हो रहा है. पहले दिल्ली और अब बेंगलुरू में बाइक टैक्सी को लेकर ऑटो रिक्शा ड्राइवर्स गुस्से में हैं. ऑटो रिक्शा ड्राइवर्स ने इसके चलते ही बेंगलुरू में पिछले दिनों ऑटो रिक्शा यूनियन ने हड़ताल कर दी. उनका कहना है कि इससे ऑटो रिक्शा चालकों की कमाई पर बुरा असर पड़ रहा है. इसलिए बाइक टैक्सी बंद की जानी चाहिए. दूसरी ओर बाइक टैक्सी से चलने वाले लोगों ने ऑटो रिक्शा चालकों की मांग का विरोध किया है. लोगों ने बाइक टैक्सी को ट्रांसपोर्टेशन का आसान साधन बताया है.
आज के वक्त में जो लोग अकेले दफ्तर या कॉलेज जाते हैं. उनके लिए ओला या ऊबर की बाइक टैक्सी काफी सहज साबित होती है. कोरोना काल में स्वच्छता और सोशल डिस्टेंसिंग के चलते बाइक टैक्सी को ज्यादा पसंद किया गया था. हालांकि इससे ऑटो रिक्शा और टैक्सी चालकों को काफी नुकसान हुआ है और इसीलिए रिक्शा यूनियन ने हड़ताल का ऐलान करते हुए यह मांग की है कि जल्द से जल्द इसे बाइक टैक्सी को बैन किया जाए.
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बाइक टैक्सी को लेकर हुए हैं कई बवाल
बता दें कि इसी महीने बेंगलुरु से एक वीडियो सामने आया था जिसमें एक ऑटो रिक्शा ड्राइवर रैपिडो राइडर को परेशान कर रहा था. घटना सामने आने के बाद ऑटो रिक्शा ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया था. इससे पहले परिवहन विभाग ने 16 दिसंबर को बाउंस की मूल कंपनी विकेड राइड को राज्य में ई-बाइक टैक्सी चलाने का लाइसेंस जारी किया था.
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सरकार ने 5 किमी के लिए 25 रुपये और 10 किमी के लिए 50 रुपये किराया तय किया है. बाइक टैक्सी के विस्तार से हो रहे घाटे के चलते ऑटो रिक्शा चालक आग बबूला हो गए है. इसी के चलते अब बाइक टैक्सी को बैन करने की मांग की जा रही है.
समर्थन में उतरे लोग
एक तरफ जहां बाइक टैक्सी को लेकर विरोध हो रहा है तो वहीं इसका इस्तेमाल करने वाले आम लोगों ने रिक्शा चॉलकों की हड़ताल को गलत बताया है. माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर #SaveBikeTaxi ट्रेंड कर रहा है और कहा जा रहा है कि बाइक टैक्सी को बैन न किया जाए.
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बाइक टैक्सी को लोगो ने परिवहन का बेस्ट साधन बताया है. उनका कहना है कि बाइक टैक्सी से वे अपने गंतव्य स्थान पर आसानी से जल्दी पहुंच जाते हैं. वही कुछ लोगों ने बाइक टैक्सी का तो समर्थ किया है लेकिन यह मांग भी है कि ऑटो रिक्शा मीटर के अनुसार चलें और जिससे ग्राहकों का भी कम पैसा खर्च हो.
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