पूर्व सरकारों की वजह से 3 लाख करोड़ रुपये के कर्ज में है पंजाब- CM Bhagwant Mann

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Apr 18, 2022, 06:28 PM IST

AAP की पंजाब ईकाई की ओर से किए गए ट्वीट में कहा गया है कि पिछली सरकारों ने पंजाब पर 3 लाख करोड़ रुपये का कर्ज डाल दिया है. पढ़िए आरती राय की रिपोर्ट.

डीएनए हिंदीः पंजाब (Punjab) के मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) ने सोमवार को पिछली सरकारों पर राज्य को कर्ज (Dept) में धकेलने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि आप (AAP) सरकार इस बात की जांच करेगी कि पैसे का इस्तेमाल कहां हुआ और सारे पैसों की वसूली की जाएगी.

पार्टी की राज्य इकाई की ओर से किए गए ट्वीट में कहा गया है कि पिछली सरकारों ने पंजाब पर 3 लाख करोड़ रुपये का कर्ज डाल दिया है. इसका इस्तेमाल कहां हुआ? हम जांच करेंगे और वसूली करेंगे क्योंकि यह लोगों का पैसा है. 

AAP ने पहले भी साधा था निशाना
फरवरी में पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले ही आप नेताओं ने राज्य को कर्ज के जाल में फंसाने के लिए पूर्व की राज्य की सरकारों पर निशाना साधा था. चुनावों से पहले आप  नेता राघव चड्ढा (Raghav Chadha) ने भी पंजाब में पिछली अकाली-भाजपा और तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर राज्य को कर्ज में धकेलने का आरोप लगाया था.

राघव चड्ढा ने दावा किया था कि पंजाब में पैदा हुए हर बच्चे के सिर पर एक लाख रुपये का कर्ज है. पंजाब में आप सरकार के मंत्रियों ने यह भी आरोप लगाया था कि कांग्रेस और बादल सरकार ने पिछले 50 वर्षों में पंजाब को 3 लाख करोड़ रुपये का कर्जदार में डाल दिया है. 

पंजाब पर कितना कर्ज है?
पंजाब सरकार और  RBI के डाटा के मुताबिक, पंजाब सराकर पर 2019-20 में 26,955 करोड़ रुपये का लोन था. 2020-21 में लोन 26,000 करोड़ रुपये और 2021-22 में 30,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. वही पंजाब सरकार का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) 2021-22 में (मौजूदा कीमतों पर) 6,07,594 करोड़ रुपये होने का अनुमान है.

यह 2019-20 में जीएसडीपी पर 2.8% वार्षिक वृद्धि (5,74,760 करोड़ रुपये) के बराबर है. 2020-21 के लिए पंजाब आर्थिक सर्वेक्षण में बताए गए अनुमान के अनुसार, जीएसडीपी (मौजूदा कीमतों पर) 2020-21 में 5.8% के कॉन्ट्रैक्ट होने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 5,41,615 करोड़ रुपये ज्यादा है.

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पंजाब सराकर के खर्चे का अनुमान 
पंजाब सरकार के पेश किए गए बजट  के अनुसार 2021-22 के लिए कुल खर्च 1,68,015 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो 2019-20 की तुलना में 12% अधिक है. 2020-21 के लिए संशोधित व्यय 1,40,000 करोड़ रुपये था जो वर्ष के बजट अनुमान से 10% कम था.

2021-22 के लिए कुल राजस्व प्राप्तियां 95,258 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो 2019-20 की तुलना में 24% अधिक है.  इसमें से 45,193 करोड़ रुपये (47 फीसदी) राज्य अपने संसाधनों से जुटाएंगे और 50,065 करोड़ रुपये (53 फीसदी) केंद्र से मिलेंगे. केंद्र से प्राप्त संसाधन केंद्रीय करों (राज्य की राजस्व प्राप्तियों का 13%) और सहायता अनुदान (राजस्व प्राप्तियों का 40%) में राज्य के हिस्से के रूप में होंगे. 

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2021-22 में पंजाब का कुल स्वयं का कर राजस्व 37,434 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो 2019-20 की तुलना में 12% अधिक है. 2020-21 में संशोधित अनुमान के अनुसार राज्य का अपना कर राजस्व बजट से 15% कम रहने का अनुमान है. राज्य का अपना कर-जीएसडीपी अनुपात 2019-20 में 5.2% से बढ़कर 2020-21 में 5.6% और 2021-22 में 6.2% होने का अनुमान है. इसका मतलब यह है कि 2020-21 और 2021-22 में राज्य के कर संग्रह में वृद्धि जीएसडीपी में वृद्धि से अधिक होने की उम्मीद है.

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