डीएनए हिंदी: आध्यात्मिक गुरु भय्यू महाराज (Bhaiyyu Maharaj) खुदकुशी केस में कोर्ट ने दोषियों को सजा सुनाई है. कोर्ट ने एक महिला समेत उसके 3 सहयोगियों को शुक्रवार को छह-छह साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. इंदौर कोर्ट के मुताबिक दोषियों ने ब्लैकमेल (Blackmail) कर भय्यू महाराज को आत्महत्या के लिए उकसाया था.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र सोनी ने आध्यात्मिक गुरु की आत्महत्या के हाई-प्रोफाइल मामले में पलक पौराणिक, विनायक दुधाड़े और शरद देशमुख को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), धारा 306 (आत्महत्या के लिये उकसाना) और धारा 384 (जबरन वसूली) के तहत दोषी करार देते हुए यह सजा सुनाई है.
भय्यू महाराज ने इंदौर के बायपास रोड स्थित अपने बंगले में 12 जून 2018 को अपने लाइसेंसी रिवॉल्वर से गोली मारकर कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी. पुलिस ने इस सनसनीखेज घटना के 7 महीने बाद पलक पौराणिक के साथ आध्यात्मिक गुरु दो विश्वस्त सहयोगियों-विनायक दुधाड़े और शरद देशमुख को गिरफ्तार किया था.
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भय्यू महाराज पर दबाव बना रही थी आरोपी महिला
पुलिस के मुताबिक पलक, भय्यू महाराज पर शादी के लिये कथित रूप से दबाव बना रही थी. उन्हें महिला ब्लैकमेल कर रही थी. भय्यू महाराज पहले से पहले से शादीशुदा थे. पुलिस ने भय्यू महाराज के घर से छोटी-सी डायरी के पन्ने पर लिखा सुसाइड नोट बरामद किया था.
भय्यू महाराज के सुसाइड नोट में क्या लिखा था?
PTI की रिपोर्ट के मुताबिक भय्यू महाराज ने अपने सुसाइड नोट में लिखा था कि वह भारी तनाव से तंग आकर अपनी जिंदगी खत्म कर रहे हैं. पुलिस ने पौराणिक, दुधाड़े और देशमुख को गिरफ्तार करने के बाद मीडिया से कहा था कि वे भय्यू महाराज को ब्लैकमेल करने के साथ ही उन्हें अधिक मात्रा में नशीली दवाएं भी दे रहे थे.
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