डीएनए हिंदी: राजस्थान (Rajasthan) में पहला मंत्रिमंडल विस्तार कुछ दिनों में होने की उम्मीद है और इसमें युवा और अनुभवी दोनों नेताओं को मौका दिया जा सकता है. पहली बार विधायक बने भजन लाल शर्मा ने इस महीने की शुरुआत में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. उनके साथ दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. राजस्थान की 200 सदस्यों वाली विधानसभा में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 30 मंत्री हो सकते हैं.
भारतीय जनता पार्टी (BJP) से जुड़े एक नेता ने PTI के साथ बातचीत में कहा है कि बीजेपी के एक सूत्र ने बताया, 'मंत्रिमंडल का पहला विस्तार सोमवार या मंगलवार को होने की उम्मीद है और लगभग 15 विधायकों को मंत्रिपरिषद में शामिल किए जाने की संभावना है.' सूत्रों ने बताया कि मंत्रिमंडल में युवा के साथ ही अनुभवी विधायकों को भी जगह मिलने की उम्मीद है. उन्होंने बताया कि मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्रियों के लिए संभावितों में बाबा बालकनाथ, शैलेश सिंह, नौक्षम चौधरी, संदीप शर्मा, जवाहर सिंह बेदाम और महंत प्रताप पुरी शामिल हैं.
क्यों मंत्रिमंडल के विस्तार में हो रही है देरी
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने हाल ही में दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य से मुलाकात की थी और माना जाता है कि उन्होंने उनके साथ मंत्रिमंडल विस्तार से संबंधित मामलों पर चर्चा की. मुख्यमंत्री और उनके दो उपमुख्यमंत्री क्योंकि जयपुर जिले के निर्वाचन क्षेत्रों से विधायक के रूप में चुने गए थे, इसलिए उम्मीद है कि मंत्री राज्य के अन्य हिस्सों से होंगे.
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युवा चेहरों को दिया जाएगा मौका
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा जयपुर के सांगानेर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, वहीं दीया कुमारी विद्याधर नगर और प्रेम चंद बैरवा दूदू से विधायक हैं. रणनीति मंत्रिमंडल में जातियों और क्षेत्रों के प्रतिनिधित्व के बीच संतुलन बनाए रखने की होगी. संभावना है कि ज्यादातर मंत्री 40-55 वर्ष की आयु वर्ग के होंगे.
पार्टी से जुड़े नेताओं का कहना है कि यह एक ऊर्जावान टीम होगी. जब से भजन लाल शर्मा को नियुक्त करने का निर्णय लिया गया है, तब से पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं में उत्साह है, जो मानते हैं कि एक समर्पित कार्यकर्ता को उच्च पद पर पहुंचाया जा सकता है.मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही सरकारी कामकाज में भी तेजी आएगी.
नए काम पर लगी है रोक
वित्त विभाग ने शुक्रवार को सभी विभागों को अगले आदेश तक कार्यों के लिए नई निविदाएं आमंत्रित नहीं करने का निर्देश दिया था और कहा था कि ऐसे सभी कार्य सरकार की मंजूरी के बाद शुरू होंगे. सरकार ने अपने विभागों से यह भी कहा है कि यदि निविदाएं आमंत्रित करने के बाद कार्य आदेश जारी नहीं किया गया है तो वे अगले निर्देश तक कार्य आदेश जारी न करें.
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एक आदेश में, अतिरिक्त मुख्य सचिव अखिल अरोड़ा ने विभागों को यह भी निर्देश दिया है कि यदि किसी परियोजना के लिए काम शुरू नहीं हुआ है तो नए कार्यों को रोक दिया जाए. वित्त विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार, 'सभी प्रशासनिक विभागों को पूर्व में दी गई प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति की स्थिति में निर्देशों का पालन करने को कहा गया है. विभागों से कहा गया है कि ऐसी सभी स्वीकृतियों को मुख्यमंत्री या विभागीय मंत्रियों के संज्ञान में लाया जाए और कार्य किया जाए और उनकी मंजूरी के बाद ही अनुमति दी जाएगी.'
क्या हैं BJP सरकार की 10 प्राथमिकताएं
राजस्थान में भाजपा सरकार की 10 प्रमुख प्राथमिकताओं में हर जिले में महिला पुलिस थाना और सभी पुलिस थानों में महिला डेस्क स्थापित करना, प्रमुख शहरों में एंटी-रोमियो स्क्वाड का गठन और विभिन्न मामलों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) बनाना शामिल है. जिनमें सरकारी भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले भी शामिल हैं.
सरकार की प्राथमिकताओं में 6,800 करोड़ रुपये के निवेश से क्षेत्रीय विरासत केंद्रों की स्थापना, केजी से पीजी तक सभी छात्राओं को मुफ्त शिक्षा प्रदान करना और प्रशिक्षण के माध्यम से पांच लाख युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए पर्यटन क्षेत्र में 2,000 करोड़ रुपये का निवेश करना अन्य प्राथमिकताएं शामिल हैं. मुख्यमंत्री के निर्देश पर पेपर लीक मामलों की जांच के लिए एसआईटी और एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स का गठन किया गया है. (इनपुट: भाषा)
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