डीएनए हिंदी: मेरठ पहुंचे केंद्रीय एमएसएमई राज्यमंत्री भानुप्रताप वर्मा ने ज्ञानवापी मामले पर अपनी बात रखी है. उन्होंने अजीब बयान देते हुए कहा कि अल्पसंख्यक बंधु जहां देखते हैं वहीं हरा कपड़ा रख देते हैं. इसके बाद वहां मस्जिद बन जाते हैं. हर जगह ऐसा नहीं होना चाहिए. खास तौर पर जहां हिंदुओं की आस्था का केंद्र हैं वहीं क्यों?. उन्होंने राहुल गांधी के बयान पर भी चुटकी ली है.
Rahul Gandhi पर भी साधा निशाना
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारे हिंदू देवी-देवताओं की जगह पर ही ऐसा क्यों किया जाता है. मस्जिद किसी और जगह पर बनाते. उन्होंने कहा कि मंदिर की जगह मिलनी चाहिए और कोर्ट जो निर्णय करेगा वही सर्वमान्य है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पप्पू कुछ भी कह सकते हैं. उन्होंने कहा कि वो जो बात कहते हैं उसका कोई अर्थ नहीं निकलता.
केंद्रीय एमएसएमई राज्यमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में छोटी-छोटी यूनिट ने देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने का कार्य किया. उन्होंने कैंची उद्योग की समस्याओं के समाधान की भी उम्मीद जताई. स्पोर्ट्स एंड गुड्स कॉप्लेक्स के प्रशिक्षण केंद्र, लैब और टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट सेंटर (पीपीडीसी) का निरीक्षण किया.
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कोरोना काल में अपनी सरकार की उपलब्धि गिनाई
इसके बाद केंद्रीय मंत्री ने खादी एवं ग्रामोद्योग की बंद पड़ी इकाई और मंडलीय कार्यालय का निरीक्षण किया. लोहिया नगर में कैची क्लस्टर की हालत देखी. उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान एमएसएमई उद्योग की वजह से अर्थव्यवस्था संभली हुई थी. उन्होंने ही रोजगार संभाल के रखा है. बहुत से श्रमिकों और स्टाफ को काम बंद होने के बावजूद वेतन दिया गया है. तमाम कठिनाइयों को सहन करके भी उत्पादन जारी रखा गया है. इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी इकाई को बंद नहीं होने देंगे. केंद्र सरकार एमएसएमई को खास पैकेज देती है. मोदी सरकार का विशेष ध्यान एमएसएमई की स्थिति को लेकर के है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्देश है कि सभी एमएसएमई के प्रशिक्षण प्रयोगशाला केंद्रों वह दूसरे सूक्ष्म लघु मध्यम उद्योगों किस तिथि को सामने से देखा जाए. धरातल पर पहुंचकर उसका पूरा निरीक्षण किया जाए. साथ ही, यह पता किया जाए कि वह किस योजना के तहत संचालित हैं. क्या लाभ जनता को दे रहे हैं. उन्हें कितनी आर्थिक सहायता मिल रही है और उस कोष का खर्च किस तरह से हो रहा है. किस उद्यम के क्षेत्र में क्या कठिनाई आ रही हैं. कठिनाई किस स्तर की हैं. इस सब का पूरा लेखा-जोखा प्रधानमंत्री कार्यालय को दिया जाएगा.' उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने के निर्देश पर 4:50 लाख करोड़ रुपए का पैकेज पहले दिया जा चुका है. लाख लाख करोड़ का प्रावधान फिर किया गया है.
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