Bharat Bandh 2024: कल है '21 अगस्त भारत बंद', आरक्षण बचाओ आंदोलन में क्या खुला रहेगा और क्या नहीं, ये जान लीजिए

कुलदीप पंवार | Updated:Aug 20, 2024, 03:28 PM IST

Bharat Bandh 2024: सुप्रीम कोर्ट की सांविधानिक बेंच ने 'कोटे के अंदर कोटा' तय करने का अधिकार राज्यों को दिया है, जिसके बाद से आरक्षित वर्ग के संगठनों ने हंगामा मचाया हुआ है. इसे आरक्षण की भावना के खिलाफ बताया जा रहा है.

Bharat Bandh 2024: सुप्रीम कोर्ट की तरफ से आरक्षण की सीमा के अंदर 'कोटे में कोटा' देने की इजाजत से हंगामा मचा हुआ है. आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति समेत कई अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति संगठनों ने इसके खिलाफ 21 अगस्त को भारत बंद का आयोजन किया है, जिसके बाद सोशल मीडिया पर हैशटैग '#21_अगस्त_भारत_बंद' ट्रेंड कर रहा है. इस बंद को मायावती की BSP का भी समर्थन मिल गया है, जिसके चलते इसके सफल होने की संभावना बढ़ गई हैं. सबसे ज्यादा हंगामा राजस्थान और उत्तर प्रदेश में मचा हुआ है, जहां पुलिस को अलर्ट पर कर दिया गया है. ऐसे में यदि आपके मन में भी बंद को लेकर ये संशय हो कि कल यानी बुधवार को क्या खुलेगा और क्या-क्या बंद रहेगा तो चलिए हम आपको बता रहे हैं.

पहले जान लीजिए कि क्या-क्या खुला रहेगा

भारत बंद की घोषणा करने वालों ने संपूर्ण बंदी का ऐलान किया है यानी उनके हिसाब से कुछ भी नहीं खोला जाएगा और बाजारों को पूरी तरह बंद रखा जाएगा. इसके बावजूद आम आदमी से जुड़ी इमरजेंसी सेवाएं ऐसे बंद के दौरान भी खोली जाती हैं. इस हिसाब से देखा जाए तो सभी अस्पताल खुले रहेंगे. एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड जैसी आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी. मेडिकल स्टोर भी खोले जा सकते हैं. 


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ये सब रहेंगे बंद

आमतौर पर इस तरह के बंद के दौरान प्रदर्शनकारी सभी कुछ बंद कराने की कोशिश करते हैं. इसके चलते सभी तरह के बाजार, मॉल्स और शॉपिंग सेंटर बंद रहेंगे. साथ ही सार्वजनिक संपत्ति में तोड़फोड़ के डर से सार्वजनिक परिवहन यानी सिटी बस, रोडवेज आदि को भी रोक दिया जाता है. इसके अलावा निजी प्रतिष्ठान भी अपने यहां छुट्टी कर देते हैं. हालांकि सरकारी कार्यालयों को बंद नहीं किया जाता, लेकिन अमूमन उनमें कामकाज नहीं होता है. अदालतों में भी रोजमर्रा की तरह ही कामकाज होता है. 

क्यों बंद का किया गया है आयोजन

दरअसल सुप्रीम कोर्ट की सांविधानिक बेंच ने 1 अगस्त को एक फैसला सुनाया है. इसमें राज्य सरकारों को आरक्षण की सीमा के अंदर अत्यंत पिछड़ी जातियां और क्रीमी लेयर निर्धारित करने का अधिकार दे दिया गया है. इस अधिकार से राज्य सरकारों को आरक्षण के अंदर अत्यंत पिछली जातियों के लिए आरक्षण सीमा तय करने का हक दिया गया है. इसे 'कोटे के अंदर कोटा' कहा जा रहा है. आरक्षण का लाभ ले रहीं कुछ जातियां इसका विरोध कर रही हैं. इन्हीं जातियों ने अब भारत बंद का ऐलान किया है.

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