Bharat Ratna Updates: लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने एक और बड़ी घोषणा कर दी है. सरकार ने देश के दो पूर्व प्रधानमंत्रियों चौधरी चरण सिंह और पीवी नरसिम्हा राव के साथ ही वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने की घोषणा की है. तीनों को मरणोपरांत भारत रत्न दिया जा रहा है. इसकी जानकारी खुद पीएम मोदी ने एक्स (पहले ट्विटर) पर ट्वीट के जरिये की है. माना जा रहा है कि भाजपा नेतृत्व वाली NDA गठबंधन ने भारत रत्न की इस घोषणा के साथ ही एक बड़ा दांव खेल दिया है, जो सारे चुनावी समीकरण पलट सकता है. चौधरी चरण सिंह के पौत्र और राष्ट्रीय लोकदल अध्यक्ष जयंत चौधरी ने भी इस घोषणा का स्वागत किया है.
जाट समुदाय के साथ ही किसानों को मनाने वाला दांव
चौधरी चरण सिंह को देश के एक छोर से दूसरे छोर तक किसान नेता के तौर पर मान्यता हासिल थी. साथ ही पश्चिमी यूपी, हरियाणा और राजस्थान व उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में अहम भूमिका निभाने वाले जाट समुदाय के भी वे सबसे बड़े नेता थे. चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने से भाजपा अपने खिलाफ चलाई जा रही किसान विरोधी छवि को नकार सकती है. साथ ही पश्चिमी यूपी, हरियाणा और राजस्थान में भाजपा से नाराज बताए जा रहे जाट समुदाय का रुख भी इस घोषणा के बाद नरम होने की संभावना है.
राष्ट्रीय लोकदल और भाजपा के गठबंधन पर मुहर?
चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने को उन खबरों पर मुहर माना जा रहा है, जो पिछले कुछ दिन से राष्ट्रीय लोकदल (RLD) और भाजपा को लेकर सामने आ रही हैं. माना जा रहा है कि RLD का NDA गठबंधन से जुड़ना तय होने के बाद ही चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा की गई है. RLD लंबे समय से पूर्व प्रधानमंत्री के लिए भारत रत्न की मांग करता रहा है. RLD मुखिया जयंत चौधरी ने भी इस खबर पर खुशी जताते हुए कहा है कि पुरानी मांग पूरी हो गई है.
आर्थिक सुधारों के जनक थे नरसिम्हा राव
भारतीय अर्थव्यवस्था में आर्थिक सुधारों की शुरुआत करने वाले पीवी नरसिम्हा राव कांग्रेस के प्रधानमंत्री थे. 90 के दशक में प्रधानमंत्री रहे नरसिम्हा राव ने ही भारतीय अर्थव्यवस्था के दरवाजे वैश्विक निवेशकों के लिए खोले थे. नरसिम्हा राव को भारत रत्न सम्मान देकर भाजपा ने एक तरीके से कांग्रेस पर निशाना साधा है. अब तक रैलियों में पीएम मोदी इस बात के लिए गांधी परिवार पर निशाना साधते रहे हैं कि नरसिम्हा राव के निधन के बाद उनके पार्थिव शरीर को कांग्रेस मुख्यालय में नहीं रखने दिया गया था. ऐसे में कांग्रेस नेता को भाजपा द्वारा भारत रत्न देकर तगड़ा चुनावी दांव खेला गया है. माना जा रहा है कि नरसिम्हा राव को यह सम्मान देने से भाजपा को आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में लाभ होने की संभावना है.
स्वामीनाथन को भारत रत्न 'जय किसान' के साथ 'जय विज्ञान' का सम्मान
मोदी सरकार ने देश के दो पूर्व प्रधानमंत्रियों के साथ ही वैज्ञानिक डॉ. एमएस स्वामीनाथन को भी मरणोपरांत भारत रत्न देने की घोषणा की गई है. इसे मोदी सरकार के 'जय किसान, जय जवान और जय विज्ञान' नारे से जोड़ा जा रहा है. कृषि क्षेत्र में बेहद काम करने वाले स्वामीनाथन को हरित क्रांति के जरिये देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने वाला वैज्ञानिक माना जाता रहा है. तमिलनाडु के मूल निवासी स्वामीनाथन को यह सम्मान देना भाजपा के लोकसभा चुनावों में 'मिशन दक्षिण' का भी हिस्सा माना जा रहा है.
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