डीएनए हिंदी: पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस TMC के वरिष्ठ नेता और सांसद अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) के सहयोगियों ने ‘एक व्यक्ति एक पद’ की सोच को लेकर बयान दिए हैं और ट्वीट भी किए जिससे पार्टी में इस मुद्दे पर कलह दिखने लगी है. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने जहां इसे अनुशासन का उल्लंघन बताया है तो वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को डैमेज कंट्रोल के लिए इस मुद्दे पर आपातकालीन बैठक बुलानी पड़ी है.
दरअसल, टीएमसी सांसद और पार्टी के महासचिव अभिषेक बनर्जी के रिश्तेदार अदिति और आकाश ने एक ट्वीट किया और कहा कि वे AITMC में ‘एक व्यक्ति एक पद’ वाली सोच का समर्थन करते हैं. अभिषेक बनर्जी के करीबी माने जाने वाले कुछ अन्य नेताओं ने भी यही ट्वीट किया. अभिषेक बनर्जी पार्टी में महासचिव पद संभालने के बाद से तृणमूल कांग्रेस में ‘एक व्यक्ति एक पद’ की वकालत कर रहे हैं जिसका पार्टी में बुजुर्ग नेताओं द्वारा विरोध हो रहा है. ऐसे में इन नेताओं के ट्वीट्स ने एक बड़ा बवाल खड़ा कर दिया है.
अभिषेक के सहयोगियों द्वारा किए गए ट्वीट पर बुजुर्ग नेता भड़क गए हैं और अनुशासन का उल्लंघन होने की बात तक कर रहे हैं. टीएमसी नेता और कोलकाता के मेयर के साथ ही ममता मंत्रिमंडल में शामिल मंत्री फिरहाद हकीम ने कहा कि वरिष्ठ नेताओं की सहमति के बिना पार्टी के कामकाज के बारे में सोशल मीडिया पर टिप्पणी करना अनुशासन का उल्लंघन है.
खास बात यह है कि राज्य की मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने आरोप लगाया कि उनकी पूर्व अनुमति के बिना उनके ट्विटर अकाउंट से भी इसी तरह का पोस्ट किया गया है. उन्होंने कहा, “चुनाव से पहले आई-पीएसी द्वारा मेरे नाम से एक ट्विटर अकाउंट बनाया गया था. आज उसने मेरी जानकारी के बिना ‘एक व्यक्ति एक पद’ के बारे में कुछ पोस्ट किया. मैं इसका कड़ा विरोध करती हूं.”
पार्टी में एक व्यक्ति एक पद के बढ़ते विवाद के बीच अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आपातकालीन बैठक बुलाई है. खबरों के मुताबिक सिर्फ छह वरिष्ठ नेताओं को बुलाया गया है. इसमें राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी, महासचिव पार्थ चटर्जी, प्रदेश पार्टी अध्यक्ष सुब्रत बख्शी और मंत्रियों फिरहाद हकीम, अरूप विश्वास और चंद्रिमा भट्टाचार्य का नाम शामिल हैं.
वहीं टीएमसी के ही एक नेता ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया है कि, “पार्टी में मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा के लिए आज शाम पांच बजे बैठक होगी. कुछ नेताओं द्वारा दिए जा रहे बयान और जवाबी बयान पार्टी सुप्रीमो को पसंद नहीं आए. इसे कहीं रुकना होगा. हमारी पार्टी सुप्रीमो द्वारा सभी नेताओं को एक संदेश देने की संभावना है.”
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गौरतलब है कि जल्द ही टीएमसी में इस मुद्दे को शांत कराने की कोशिशें की जा सकती हैं. राज्य में निकाय चुनाव के बीच इस तरह के विवाद पार्टी की मुश्किलों में इजाफा कर सकते हैं इसलिए ममता बनर्जी इसे अपने स्तर पर हल करने के लिए एक्टिव हो गई हैं.
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