Bihar: 32 सालों से पत्नी की याद में जिंदगी गुजार रहा है शख्स, नहीं किया है अस्थि कलश का अंतिम संस्कार

| Updated: Feb 14, 2022, 08:22 PM IST

बिहार के सीमांचल जिले में रहने वाले 90 वर्षीय भोला नाथ आलोक 32 सालों से अपनी पत्नी के अस्थि कलश के साथ रह रहे हैं.

डीएनए हिंदी: आज जहां पूरी दुनिया वैलेंटाइन डे (Valentine Day) मना रही है, वहीं अपनी पत्नी की मृत्यु के 32 साल बाद भी एक 90 वर्षीय व्यक्ति का उनके प्रति अटूट प्रेम लोगों के दिल जीत रहा है.

पार्थिव शरीर के साथ ही किया जाए पत्नी के अस्थि कलश का अंतिम संस्कार
बता दें कि बिहार के सीमांचल जिले में रहने वाले 90 वर्षीय भोला नाथ आलोक 32 सालों से अपनी पत्नी के अस्थि कलश के साथ रह रहे हैं. उन्होंने अपने परिवार के सदस्यों से अनुरोध किया है कि जब उनकी मृत्यु हो जाए तो उनके पार्थिव शरीर के साथ ही उनकी पत्नी के अस्थि कलश का अंतिम संस्कार किया जाए. 

आम के पेड़ से लटकाया है अस्थि कलश
भोला नाथ ने फिलहाल पूर्णिया के सिपाही टोला इलाके में स्थित अपने घर के परिसर के अंदर एक आम के पेड़ से पत्नी के अस्थि कलश को लटका दिया है.

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हर दिन चढ़ाते हैं गुलाब
इधर भोला नाथ पर किताब लिखने वाले पूर्णिया के साहित्यकार राम नरेश भक्त की मानें तो वह सच्चे प्यार के प्रतीक हैं जो आजकल कम ही देखने को मिलते हैं. आलोक की पत्नी पद्मा रानी का 32 साल पहले निधन हो गया था जिसके बाद भोला नाथ ने उनके कलश को संरक्षित किया और उनके सम्मान में एक आम के पेड़ से लटका दिया. वह उन्हें याद करने के लिए हर दिन गुलाब चढ़ाते हैं और प्रार्थना करते हैं.

भोला नाथ अपनी पत्नी से बहुत प्यार करते थे. यही कारण है कि वे उन्हें उनकी मृत्यु के बाद भी अकेला नहीं छोड़ना चाहते हैं. 32 साल एक लंबा समय है लेकिन आज भी वे अपनी पत्नी को हर रोज याद करते हैं, उनका सम्मान करते हैं और अपना सच्चा प्यार दिखाते हुए उनकी प्रार्थना और फूल चढ़ाते हैं.

भक्त कहते हैं, भोला नाथ ने मृत्यु के बाद दाह संस्कार के दौरान उनके अस्थि कलश को अपने सीने पर रखने की इच्छा भी व्यक्त की है. पति-पत्नी के लिए ऐसा सम्मान इन दिनों कम ही देखा जाता है. मुझे पिछले कई वर्षों में ऐसा कोई उदाहरण याद नहीं है.