बिहार (Bihar) की राजनीति का इतिहास रहा है कि चाचा की अपने भतीजे से पटती नहीं है. नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के सियासी चाचा-भतीजे के भतीजे के रिश्ते के बाद, अब एक सगे रिश्ते की तकरार दोबारा सामने आई है.
चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति पारस के बीच हाजीपुर संसदीय सीट को लेकर सियासी घमासान हो रहा है. राम विलास पासवान की इस पारंपरिक सीट पर बेटे चिराग भी दावा ठोक रहे हैं, पशुपति पारस भी.
संयोग से दोनों एनडीए गठबंधन के सहयोगी हैं. राम विलास पासवान के जाने के बाद पशुपति पासवान ने चिराग पासवान को लोक जनशक्ति पार्टी से बाहर की राह दिखा दी थी.
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चाचा भतीजे की अदावत ने बढ़ाई मुश्किलें
चाचा-भतीजे की अदावत अब NDA कुनबे की मुश्किलें बढ़ा रही है. पशुपति पारस का कहना है कि वे हाजीपुर सीट से चुनाव लड़ेंगे क्योंकि यह उनका अधिकार है.
उन्होंने अपने भतीजे चिराग पासवान के दावे को खारिज कर दिया है. उन्होंने अपनी मां रीना पासवान को हाजीपुर सीट से उतारने का फैसला किया है. यह उनके लिए बड़ा झटका है.
हाजीपुर से मां को लड़ाना चाहते हैं चिराग पासवान
पशुपति पारस का दावा है, 'मुझे नहीं पता कि हाजीपुर संसदीय सीट के बारे में दूसरे लोग क्या सोच रहे हैं. मैं हाजीपुर से ही चुनाव लड़ूंगा. यह मेरा अधिकार है. मुझे कौन रोक सकता है.'
चाचा की बगावत के बाद चिराग पासवान ने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) नाम से एक पार्टी बनाई थी. वे इस पार्टी के अध्यक्ष हैं और जमुई से सांसद हैं. ऑ
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क्या है पशुपति चिराग का दावा
पशुपति पारस ने चिराग का बिना नाम लिए कहा, 'वह जमुई संसदीय सीट क्यों छोड़ रहे हैं. मैं पूरे विश्वास के साथ कह रहा हूं कि आगामी लोकसभा चुनाव में वहां (जमुई) और बिहार की किसी भी अन्य सीट से उनकी जमानत जब्त हो जाएगी.'
अब ठनी है सियासी जंग
चिराग पासवान ने ऐलान किया था कि वह चाहते हैं कि उनकी मां हाजीपुर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ें. इसी पर उनके दिवंगत पिता राम विलास पासवान ने दशकों तक सेवा की थी. ऐसे में अब चिराग पासवान और पशुपति पारस में जमकर ठन गई है.
लोकसभा चुनाव 2024 जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, NDA में कई पुराने साथी एक-दूसरे के विरोध में खुलकर सामने आ रहे हैं.
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