डीएनए हिंदी: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक ही कार्यकाल में तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है. नीतीश कुमार को बिहार के राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर ने शपथ दिलाई है. कभी एनडीए, कभी महागठबंधन में घूमने वाले नीतीश कुमार एक बार फिर एनडीए में शामिल हो गए हैं. नीतीश कुमार ने बैलेंस बराबर कर लिया है. नीतीश कुमार कैबिनेट में विजय कुमार सिन्हा और सम्राट चौधरी डिप्टी सीएम के तौर पर शामिल हुए हैं. दोनों भारतीय जनता पार्टी (BJP) के शीर्ष नेता हैं. दिलचस्प बात यह है कि दोनों नेता वही हैं, जिन्होंने कुछ दिनों पहले तक विपक्ष के नेता के तौर पर नीतीश कुमार की नाक में दम कर दिया था. अब दो धुर विरोधी, नीतीश कुमार के कट्टर सहयोगी बन गए हैं.
राजनीति के जानकार कहते हैं कि नीतीश कुमार कब, किस ओर सियासी करवट लेंगे, उनके अभिन्न सहयोगी भी नहीं जानते. इस पूरे राजनीतिक घटनाक्रम से महागठबंधन, सुबह तक अनजान था. तल्खी थी लेकिन राष्ट्रीय जनता दल (RJD) जैसे सहयोगियों को जरा भी भान नहीं था कि इतना बड़ा झटका लगने वाला है. साल 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव हुए थे, 5 साल भी पूरे नहीं हुए, नीतीश कुमार तीन बार मख्यमंत्री बन गए.
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मुख्यमंत्री वही, बदल गया विपक्ष
मुख्यमंत्री तो वही रहे लेकिन पूरी कैबिनेट बदल गई, विपक्ष बदल गया लेकिन नतीश कुमार नहीं बदले. पलटूराम का टैग उन्हें कितना भी मिला, वे आश्वस्त दिखे. साल 1977 से लेकर अब तक, नीतीश कुमार के राजनीतिक कदम अप्रत्याशित रहे हैं. उनकी पार्टी बहुमत हासिल नहीं कर पाती है लेकिन मुख्यमंत्री वही रहते हैं. साल 2000 से लेकर अब तक, नीतीश के राजनीतिक उथल-पुथल से हर कोई अपरिचित है. आइए मिलते हैं नीतीश कुमार के नए मंत्रिमंडल से.
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नीतीश सरकार की कैबिनेट में कौन-कौन मंत्री हैं?
सम्राट चौधरी
सम्राट चौधरी को डिप्टी सीएम बनाया गया है. वे बिहार बीजेपी के अध्यक्ष हैं. साल 1999 से राजनीति में सक्रिय हैं. वे आरजेडी से लेकर जेडीयू तक में रह चुके हैं.
विजय कुमार सिन्हा
विजय कुमार सिन्हा डिप्टी सीएम बने हैं. विजय कुमार सिन्हा, बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं. वह 2010 से भारतीय जनता पार्टी के सदस्य और लखीसराय निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं.
बिजेंद्र प्रसाद यादव
बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली है. वह जनता दल यूनाइटेड से विधायक हैं. वे यादव समाज के दिग्गज नेता हैं. जेडीयू ने उन्हें कैबिनेट में शामिल कर जातीय समीकरण साधने की कोशिश की है.
प्रेम कुमार
प्रेम कुमार अति पिछड़ी जाति से बीजेपी के नेता हैं. वे गया से 8 बार विधायक रह चुके हैं. साल 2015 में बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे हैं. नीतीश सरकार में कृषि मंत्री रह चुके है.
श्रवण कुमार
श्रवण कुमार साल 1995 से लगातार चुनाव जीतते रहे हैं. वह सातवीं बार विधायक रहे हैं. जेपी आंदोलन से राजनीति की शुरुआत की थी. पिछली सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री रहे हैं. जेडीयू झारखंड यूनिट के प्रभारी हैं. नालंदा से जेडीयू विधायक हैं.
विजय कुमार चौधरी
विजय कुमार चौधरी पहले कांग्रेस में रहे हैं. साल 1982 में पहली बार चुनाव जीते. अब जेडीयू के कद्दावर नेता हैं. साल 2022 में महागठबंधन सरकार में वित्त मंत्री रहे हैं.
संतोष कुमार सुमन
दलित समुदाय से आते हैं. डीयू से ग्रेजुएट हैं. पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के बेटे हैं. बिहार सरकार में लघु सींचाई मंत्री रहे हैं. जून 2023 में नीतीश कुमार से बाहर गए हैं. ले हिंदुस्तान आवाम मोर्चा से आते हैं. वे विधानसभा परिषद सदस्य हैं.
सुमित कुमार सिंह
सुमित कुमार सिंह साल 2015 में टिकट कटने की वजह से जेडीयू से बागावत की थी. उनके दादा श्री कृष्ण सिंह कई बार विधायक रहे हैं. वे छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय हैं. जमुई जिले की चकाई सीट से निर्दलीय विधायक हैं. पिछली सरकार में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री रहे हैं. छात्र जीवन से ही वे राजनीति में सक्रिय है.
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