डीएनए हिंदी: बिहार में लंबे वक्त से शिक्षक भर्ती का काम रुका हुआ था लेकिन राज्य की नीतीश कुमार सरकार ने आज एक झटके में 1.78 लाख नए शिक्षकों की भर्ती का रास्ता साफ कर दिया है. इसके लिए नई नियमावली तैयार की गई है और उसके आधार पर ही भर्ती की औपचारिक घोषणा की गई है. नीतीश कुमार की कैबिनेट के इस फैसले को सरकारी नौकरी के लिहाज से एक अहम फैसला माना जा रहा है.
रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार की नीतीश कुमार कैबिनेट की बैठक में 1,78,026 पदों की भर्ती को हरी झंडी दी गई. सरकार के फैसले के मुताबिक पहली से पांचवीं कक्षा तक के लिए 85,477, 6वीं से 8वीं के लिए 1,745 शिक्षकों की भर्ती का प्रस्ताव पारित किया गया है. इसके अलावा 9वीं और 10वीं के लिए 33,186 और 11वीं-12वीं के लिए 57,618 पदों की स्वीकृति दी गई है.
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18 प्रस्तावों को मिली मंजूरी
बता दें कि मंगलवार को हुई बिहार की नीतीश कैबिनेट की बैठक में कुल 18 अलग-अलग प्रस्ताव मंजूर किए गए हैं, उन्हीं में से एक प्रस्ताव यह भी है. इस फैसले को डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के सरकारी नौकरी देने के वादे से भी जोड़कर देखा जा रहा है. ऐसे में शिक्षक भर्ती के इस प्रस्ताव को बिहार बेरोजगारों के लिहाज से बड़ा फैसला माना जा रहा है.
बिहार में शिक्षक भर्ती के लिए टीईटी, एसटीईटी पास हो चुके अभ्यर्थियों को अब बीपीएससी की परीक्षा भी पास करना अनिवार्य होगा. बिहार कैबिनेट से प्रस्ताव पास होने के बाद शिक्षकों के सभी पदों को जिलों से रोस्टर क्लीयरेंस के लिए भेजा जाएगा.
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साल के अंत तक पूरी होगी भर्ती
कैबिनेट के फैसले को लेकर मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने कहा है कि कैबिनेट ने विभिन्न संवर्ग के 1.78 लाख शिक्षकों की भर्ती के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. ये नियुक्तियां बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा की जाएंगी. भर्ती की पूरी प्रक्रिया बहुत जल्द और निश्चित तौर पर इस साल के अंत तक पूरी कर ली जाएगी.
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