डीएनए हिंदी: Bihar News- बिहार में सरकारी टीचर के जींस-टीशर्ट पहनकर स्कूल आने पर लगी रोक के बाद अब नया फरमान आया है. अब टीचर दाढ़ी बढ़ाकर स्कूल में पढ़ाने के लिए नहीं आ पाएगा. ऐसा करने पर टीचर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी और उसका वेतन काट लिया जाएगा. यह आदेश बेगूसराय जिले के DEO केके पाठक ने जारी किया है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. इसे लेकर बिहार के शिक्षक संगठन बेहद नाराज हो गए हैं और इस आदेश को अव्यवहारिक बताते हुए विरोध कर रहे हैं.
क्या कहा गया है आदेश में
बेगूसराय के जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) ने अपने आदेश में महिला-पुरुष शिक्षकों को सभ्य और भारतीय परिधान पहनकर स्कूल में पढ़ाने के लिए कहा है. महिला शिक्षकों को साड़ी या सामान्य सूट सलवार में आने के लिए कहा गया है तो पुरुष शिक्षकों को जींस-टीशर्ट के बजाय सामान्य पैंट-शर्ट पहनने को कहा गया है. महिलाओं के सूट-सलवार भी चमकीले या भड़कीले नहीं होने चाहिए. साथ ही पुरुष शिक्षकों के दाढ़ी बढ़ाने पर भी रोक लगा दी गई है. DEO ने आदेश में कहा है कि सभी शिक्षक रोजाना शेव करने के बाद स्कूल आएं.
सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है आदेश
DEO का आदेश किसी ने सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया है, जो बेहद वायरल हो गया है. कुछ लोग इस आदेश को सही बताते हुए शिक्षकों को भारतीय संस्कृति के पालन की सलाह दे रहे हैं. वहीं कुछ ने इसे तुगलकी फरमान बताते हुए कपड़े पहनने और दाढ़ी रखने को शिक्षकों का निजी मामला बताया है.
शिक्षक बता रहे आदेश को अव्यवहारिक
बिहार के शिक्षक इस आदेश को अव्यवहारिक बता रहे हैं. शिक्षकों का कहना है कि हिंदू धर्म हो या मुस्लिम धर्म, कई बार दाढ़ी बढ़ाना धार्मिक मजबूरी भी होती है. मुस्लिम दाढ़ी रखते ही हैं, जबकि बहुत सारे हिंदू भी श्राद्ध के दिनों में, नवरात्र के दिनों में और घर में किसी की मृत्यु होने पर कई दिन तक दाढ़ी नहीं बनाने के नियम का पालन करते हैं. ऐसे में इस आदेश का पालन करना धार्मिक परंपराओं के आड़े आ सकता है. शिक्षक संघ ने भी नाराजगी जताते हुए सरकार से वर्दी भत्ता देने की मांग की है.
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