डीएनए हिंदी: बिहार में शिक्षक भर्ती को लेकर नीतीश सरकार ने मास्टरस्ट्रोक चलने का दावा किया था लेकिन अब यह दांव उल्टा पड़ता नजर आ रहा है. शिक्षक भर्ती के नियमों को लेकर हाल ही में 27 जनवरी को हुई कैबिनेट की बैठक में संशोधन को मंजूरी मिली थी. इन नए संशोधन को लेकर अब अभ्यर्थी सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार द्वारा किए गए बदलावों को लेकर यह दावा कर रहे हैं कि इसके चलते बिहारियों का हक मारा जा रहा है.
शिक्षक भर्ती को लेकर युवाओं ने आज पटना के गांधी मैदान में विरोध प्रदर्शन किया है लेकिन कुछ ही देर बाद पुलिस ने प्रदर्शनकरियों को रोक लिया. कुछ प्रदर्शनकारियों को भड़काऊ भाषण देने के आरोप में हिरासत में भी लिया गया है. भीड़ के प्रदर्शन करने के लिए लोगों को बल प्रयोग करना पड़ा है.
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शिक्षक भर्ती को लेकर विभाग ने जारी की चेतावनी
बिहार शिक्षक भर्ती को लेकर मचे बवाल के बीच शिक्षा विभाग की ओर से जारी एक नोटिस में प्रदर्शन में शामिल होने वाले उम्मीदवारों को सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है. विभाग के नोटिस में लिखा है कि विद्यालय अध्यापक की नियुक्ति नियमावली 2023 के विरोध में आंदोलन करने पर नियमावली 2020 की कंडिका-19 में आचार संहिता के उल्लंघन का मामला सामने आने पर कार्रवाई की जाए.
शिक्षा विभाग द्वारा जारी बयान में कहा गया कि है कार्यालय के आस-पास धरना-प्रदर्शन मामले का वीडियोग्राफी करना भी सुनिश्चित किया जाए ताकि आचार संहिता उल्लंघन मामले की पहचान करना आसान हो. साथ ही अभ्यर्थियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था.
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क्या था शिक्षक भर्ती का नया संशोधन
बिहार सरकार ने 27 जून को कैबिनेट बैठक में राज्य में शिक्षक भर्ती नियमों के संशोधन को मंजूरी दे दी है. नए नियम में बिहार सरकार ने दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को भी बिहार में आवेदन करने की छूट दी है. नए बदलावों के बाद अन्य पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाला देश का कोई भी नागरिक बिहार में सरकारी शिक्षक की नौकरी के लिए आवेदन कर सकता है.
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क्या है अभ्यर्थियों की राय
गौरतलब है कि दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों को बिहार शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन करने की अनुमित देने के बाद राज्य के अभ्यर्थियों में गुस्सा है. शिक्षक भर्ती से जुड़े अभ्यर्थी शिक्षा मंत्री के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार राज्य के छात्रों का हक मार रही है, उनके साथ अन्याय हो रहा है. अभ्यर्थियों का कहना है कि बिहार सरकार यहां के छात्रों के साथ जानबूझ कर ज्यादती कर रही है. सरकार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है.
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