डीएनए हिंदी: Chhattisgarh News- छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में दो दिन पहले सिग्नल तोड़ने के चक्कर में हुए एंबुलेंस हादसे की वीडियो वायरल होने के बाद हंगामा मच गया है. अब इसका संज्ञान छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने भी ले लिया है. हाई कोर्ट ने मरीज को अस्पताल पहुंचाने की आपाधापी हुए इस हादसे को लेकर राज्य सरकार से जवाब मांगा है. हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने सरकार को यह बताने के लिए कहा है कि शहरों में इमरजेंसी सेवाओं के वाहनों को निकालने के लिए सड़कों पर क्या इंतजाम हैं? इस केस की अगली सुनवाई 18 जनवरी को की जाएगी.
क्या है पूरा मामला, पहले ये समझ लीजिए
बिलासपुर शहर के नेहरू चौक पर बुधवार दोपहर एक हादसा हुआ था. मरीज को लेकर जा रही एंबुलेंस ने चौक पर लगे सिग्नल की रेड लाइट को तेजी से जंप करने की कोशिश की. इस कोशिश में एंबुलेंस वैन के ड्राइवर से स्टेयरिंग पर कंट्रोल नहीं रहा और एंबुलेंस लहराते हुए बीच सड़क में ही पलट गई थी. इस हादसे में दो लोग घायल हो गए थे. ट्रैफिक पुलिस के जवानों ने जनता की मदद से एंबुलेंस सीधा करने के बाद घायलों को निकालकर अस्पताल में भर्ती कराया था. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर बेहद वायरल हुआ है, जिसका संज्ञान हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डिविजन बेंच ने लिया है.
इमरजेंसी सर्विस और VVIP वाहनों के लिए क्यों नहीं रोड मैप
हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस की बेंच में शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस ने राज्य सरकार से सवाल किया कि बड़े शहरों में इमरजेंसी सर्विस और VVIP वाहनों को सुरक्षित व तेजी से निकालने का रोड मैप क्यों नहीं है? उन्होंने इसे लेकर छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक को शपथपत्र के साथ जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. साथ ही बिलासपुर हादसे पर वहां के कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक को भी एफिडेविट पर जवाब तलब किया गया है.
हम खुद फंसते हैं जाम में, जानते हैं आम आदमी की परेशानी
चीफ जस्टिस ने कहा कि इमरजेंसी सर्विस व वीवीआईपी वाहनों के लिए प्लानिंग नहीं होने से जाम लगते हैं. हम खुद जानते हैं कि यहां क्या हालात हैं. जाम लगे रहते हैं. हम खुद फंसते हैं जाम में, इसलिए आम आदमी की परेशानी जानते हैं. चीफ जस्टिस ने सवाल किया कि वीवीआईपी क्या जाम लगने पर लोगों के सिर के ऊपर से निकलेंगे? ऐसे समय में सिग्नल फ्री कर यातायात सामान्य करना चाहिए. उन्होंने राज्य सरकार को बड़ी-छोटी सभी जगह पर इमरजेंसी सर्विस के वाहनों के आवागमन की अलग से प्लानिंग तैयार करने का निर्देश दिया है. साथ ही इसकी जानकारी कोर्ट को भी देने के लिए कहा है.
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