BJP Akali Dal Alliance: आम आदमी पार्टी (AAP) की एंट्री के बाद पंजाब (Punjab) में अपनी सियासी जमीन गंवा चुका अकाली दल (Akali Dal) एक बार फिर अलग-थलग पड़ता नजर आ रहा है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ लोकसभा चुनाव 2024 के लिए गठबंधन की वार्ता एक बार फिर असफल रही.
पंजाब में सीट शेयरिंग को लेकर पहले अकाली दल और बीजेपी में बातचीत हुई थी लेकिन ये बातचीत असफल होती नजर आ रही है. गृहमंत्री अमित शाह तक की इस वार्ता पर नजर थी लेकिन अब समीकरण उलटे हो गए हैं. सीट शेयरिंग पर बात नहीं बन पाई है.
BJP भी नहीं चाह रही गठबंधन
ऐसा नहीं है कि सिर्फ अकाली दल की ओर से ही इस गठबंधन के लिए इनकार किया जा रहा है. बीजेपी के नेता भी अब नहीं चाहते कि अकालियों के साथ गठबंधन हो. बीजपी अब नए सिरे से राज्य में सियासी जमीन लाख रही है.
AAP की वजह से बदली रणनीति
आम आदमी पार्टी (AAP) ने पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटों और चंडीगढ़ की 1 सीट पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. बीजेपी ने इसे देखते हुए अपनी रणनति में बदलाव करने का फैसला कर लिया. यह कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती थी. अब यहां अकाली दल, AAP, कांग्रेस और BJP के बीच जंग होनी है.
क्यों नहीं बनी अकाली दल के साथ बात?
अकाली दल किसान आंदोलन और सिख कैदियों की रिहाई के मुद्दों को लेकर भी बीजेपी पर दबाव बना रही है. SAD के दिवंगत संरक्षक और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने बीजेपी से नाता तोड़ा था.
2020 में टूटी थी सालों पुरानी दोस्ती
अकाली दल 2020 तक बीजेपी की सहयोगी पार्टी थी. केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ अकाली दल के नेता उतर आए थे. ऐसा लगा था कि 2024 में दोनों दल साथ आएंगे लेकिन बात नहीं बन सकी.