डीएनए हिंदी: आखिरकार बीजेपी ने मणिपुर (Manipur) के मुख्यमंत्री के नाम पर सस्पेंस खत्म कर दिया है. एन. बीरेन सिंह को दूसरी बार विधायक दल का नेता चुना गया है. बीरेन सिंह जल्द ही सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे. चुनाव परिणाम आने के दस दिन बाद दो और दावेदार बिस्वजीत सिंह और युमनाम खेमचंद चर्चा में थे. तीनों ने कल दिल्ली में भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात की थी लेकिन रविवार को एन. बीरेन सिंह (N. Biren Singh) के नाम पर मुहर लगा दी गई.
मणिपुर के भाजपा केंद्रीय पर्यवेक्षक केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और किरेन रिजिजू सीएम के नाम का ऐलान घोषणा करने के लिए राजधानी इंफाल पहुंचे. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, यह सभी की सर्वसम्मति से लिया गया एक अच्छा निर्णय है. यह सुनिश्चित करेगा कि मणिपुर में एक स्थिर और जिम्मेदार सरकार हो. केंद्र पीएम मोदी के नेतृत्व में पूर्वोत्तर राज्यों पर विशेष ध्यान देता है.
कौन हैं एन. बीरेन सिंह?
एक पूर्व फुटबॉलर और पत्रकार बीरेन सिंह ने मणिपुर में भाजपा के अभियान का नेतृत्व किया था. भाजपा ने औपचारिक रूप से सीएम फेस की घोषणा नहीं की गई थी. बिस्वजीत सिंह शीर्ष पद की दौड़ में थे. वह बीरेन सिंह की तुलना में लंबे समय तक भाजपा में रहे हैं लेकिन बीरेन 2017 के चुनावों के बाद शीर्ष पद के लिए चुने गए थे. कहा जा रहा है कि उनका यह अनुभव सीएम पद के लिए काम आया.
बीरेन सिंह ने एक फुटबॉलर के रूप में अपना करियर शुरू किया और घरेलू प्रतियोगिताओं में अपनी टीम के लिए खेलते हुए सीमा सुरक्षा बल में भर्ती हो गए. इसके बाद वह बीएसएफ छोड़कर पत्रकार बन गए. कोई औपचारिक प्रशिक्षण और अनुभव नहीं होने के बावजूद उन्होंने 1992 में एक स्थानीय दैनिक नाहरोलगी थौडांग शुरू किया और 2001 तक इसके संपादक के रूप में काम किया.
वह 2002 में राजनीति में शामिल हुए. उन्होंने मणिपुर के हिंगांग विधानसभा क्षेत्र से पहला चुनाव लड़ा. उन्होंने 2007 में कांग्रेस के टिकट पर सीट बरकरार रखी और 2012 तक मंत्री के रूप में कार्य किया. चार साल बाद वे भाजपा में शामिल हो गए और 2017 में उन्होंने फिर से अपनी सीट से जीत हासिल की, जिसके बाद उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया. भाजपा ने मणिपुर की 60 में से 32 सीटें हासिल की हैं. इस बार बीजेपी ने अकेले चुनाव लड़ा था.