Mumbai News: बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने कहा है कि बॉडी मसाजर को एडल्ट सेक्स टॉय (Adult Sex Toy) नहीं माना जा सकता है. ना ही उसे उन आयटम्स में शामिल किया जा सकता है, जिन्हें इंपोर्ट करने पर प्रतिबंध लगाया गया है. हाई कोर्ट ने यह फैसला कस्टम कमिश्नर की याचिका को खारिज करते हुए दिया है. कस्टम कमिश्नर ने अपने एक आदेश में कहा था बॉडी मसाजर को एडल्ट सेक्स टॉय के तौर पर यूज किया जा सकता है और ऐसे आयटम्स को इंपोर्ट करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है.
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ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट गए थे कमिश्नर
कस्टम कमिश्नर ने हाई कोर्ट में सेंट्रल एक्साइज एंड सर्विस टैक्स अपीलेट ट्रिब्यूनल के एक फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें ट्रिब्यूनल ने कस्टम विभाग की तरफ से बॉडी मसाजर वाली खेप को जब्त करने को गलत बताते हुए इस आदेश पर रोक लगा दी थी. कस्टम कमिश्नर की याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है, जिसमें हाई कोर्ट की जस्टिस गिरीश कुलकर्णी व जस्टिस किशोर कांत की डिवीजन बेंच ने कहा कि बॉडी मसाजर का सेक्स टॉय के तौर पर उपयोग हो सकता है, यह सोचना कस्टम कमिश्नर की कल्पना की इंतहा है.
क्या था पूरा मामला
कस्टम कमिश्नर ने एडजुकेटिंग ऑफिसर के तौर पर अप्रैल 2022 में उस खेप को मंजूरी देने से इंकार कर दिया था, जिसमें बॉडी मसाजर इंपोर्ट किए गए थे. कमिश्नर ने अपने आदेश पर नोटिंग में लिखा था कि ये एडल्ट सेक्स टॉय हैं, जिनके इंपोर्ट पर जनवरी, 1964 में जारी किए गए कस्टम नोटिफिकेशन के तहत प्रतिबंध लगा हुआ है.
'अजीबोगरीब और बेतुके हैं कमिश्नर के निष्कर्ष'
हाई कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा, कस्टम कमिश्नर की तरफ से दर्ज निष्कर्ष अजीबोगरीब, बेहद हैरतअंगेज और बहुत दूर की कौड़ी वाले बेतुके प्रतीत हो रहे हैं. शरीर की मालिश के लिए उपयोग होने वाला एक उपकरण क्या हो सकता है, इसके बारे में लिखते समय उसके अनुमानित उपयोगों पर उन्होंने अपनी ज्वलंत कल्पना को शामिल कर लिया है. यह स्पष्ट रूप से कमिश्नर की सोच और उनके निजी अनुमान की इंतहा है कि यह सामान प्रतिबंधित आयटम हो सकता है. कोर्ट ने इस बात पर भी गौर किया कि घरेलू मार्केट में बॉडी मसाजर बेचे जा रहे हैं और इन्हें प्रतिबंधित सामान नहीं माना जाता है.
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