जिंदगी की दौड़ में बहन न रह जाए पीछे, दिव्यांग बहन को कंधों पर उठाकर परीक्षा केंद्र ले जाता है भाई

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Mar 30, 2022, 05:20 PM IST

Pithoragarh brother sister

दिव्यांग संजना चलने में असमर्थ हैं. परीक्षा केंद्र चमोली गांव से 14 किलोमीटर दूर GIC शैलकुमारी में बनाया गया है.

डीएनए हिंदी: यूं तो डोली या पालकी का जिक्र शादी जैसे मौकों पर होता है लेकिन उत्तराखंड के पिथौरागढ़ के एक भाई ने अपनी बहन की शिक्षा पूरी करवाने के लिए डोली उठाई. यह इंतजाम इसलिए किया गया क्योंकि बहन दिव्यांग थी वह आसानी से परीक्षा देने नहीं पहुंच सकती थी. अपनी बहन को परीक्षा केंद्र पहुंचाने के लिए भाई ने उसे पालकी में ले जाने की सोची. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिथौरागढ़ जिले के चमोली गांव में एक भाई ने अपनी बहन को 10वीं बोर्ड की परीक्षा दिलाने के लिए यह अनोखा तरीका अपनाया.

फोटो वायरल होने के बाद अब लोग इस भाई की काफी तारीफ कर रहे हैं. भाई पारस कोहली, बड़ी बहन सानिया और छोटी बहन संजना अपनी पढ़ाई को लेकर बेहद गंभीर हैं. पारस और सानिया 12वीं कक्षा में हैं जबकि संजना 10वीं बोर्ड की परीक्षा दे रही है.

दिव्यांग संजना चलने में असमर्थ हैं. परीक्षा केंद्र चमोली गांव से 14 किलोमीटर दूर GIC शैलकुमारी में बनाया गया है. परीक्षा देने के लिए तीनों भाई-बहन ने लोधियागैर में कमरा लिया है. संजना को यहां से परीक्षा केंद्र तक ले जाने के लिए आधा किलोमीटर दूर तक का रास्ता तय करना पड़ता है. संजना को ले जाने के लिए पारस, सानिया और उनके रिश्तेदार आकाश पालकी की मदद लेते हैं. इस मामले में जब परीक्षा केंद्र GIC शैलकुमारी के प्रिंसिपल भुवन प्रकाश उप्रेती को पता चला तो उन्होंने आश्वासन दिया कि केंद्र पर उन्हें कोई परेशानी न हो इसका ख्याल रखा जा रहा है. 

संजना ने बताया कि उनके पिता का 6 साल पहले निधन हो गया था. पिता के निधन के बाद से परिवार का बोझ उनकी मां पर आ गया. परिवार चलाना आसान नहीं था फिर भी जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर आ रही है. संजना आगे चलकर एक टीचर बनना चाहती है.

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