डीएनए हिंदी: बिहार के रोहतास जिले में एक पुल के पिलर और स्लैब के बीच 24 घंटे तक फंसे रहे बच्चे को गुरुवार शाम सुरक्षित रेस्क्यू किया गया, लेकिन NDRF टीम के जवानों की यह मेहनत बेकार हो गई. बच्चे को बेहोशी की हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. माना जा रहा है कि बच्चे के इतने लंबे समय तक जिंदगी-मौत के बीच जूझने के कारण सदमे में पहुंचने से उसकी मौत हो गई. रोहतास शहर के सदर अस्पताल के डॉ. ब्रजेश कुमार ने ANI से कहा कि नसीरगंज में नदी पर बने पुल के पिलर में फंसे 12 साल के बच्चे को जब अस्पताल लाया गया तो उसकी मौत हो चुकी थी.
बुधवार को हुआ था घर से गायब
रोहतास जिले के नासरीगंज दाऊदनगर इलाके खिरियाव गांव निवासी शत्रुघ्न प्रसाद का 12 साल का बेटा रंजन मानसिक रूप से विक्षिप्त है. रंजन बुधवार सुबह घर से गायब हो गया था. परिजन उसे तलाश करते घूम रहे थे, लेकिन कहीं पर भी उसका पता नहीं लगा. बुधवार दोपहर में एक महिला ने सोन पुल के पास बच्चे के रोने की आवाज सुनी तो उसने रंजन को तलाश कर रहे उसके परिजनों को जानकारी दी. इसके बाद परिवार वहां पहुंचा तो देखकर हैरान रह गया. रंजन पुल के पिलर नंबर 1 और स्लैब के बीच में गहराई में फंस गया था. परिवार ने तत्काल प्रशासन को जानकारी देकर मदद मांगी.
बुलडोजर से पुल का स्लैब तोड़कर किया रेस्क्यू
सूचना पाकर मौके पर पहुंचे पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने बुधवार दोपहर करीब 4 बजे पहले स्थानीय स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कराया. इसमें सफलता नहीं मिलने पर NDRF की टीम को बुलाया गया. NDRF कमांडेंट के मुताबिक, पहले पिलर को काटकर बच्चे को निकालने की कोशिश की गई. इसमें सफलता नहीं मिलने पर बुलडोजर मंगाकर अप्रोच रोड के स्लैब को तोड़ा गया. इस दौरान पुल निर्माण से जुड़े एक्सपर्ट्स की सलाह ली गई. स्लैब तोड़ने के दौरान एक्सपर्ट्स भी मौके पर मौजूद रहे. SDM उपेंद्र पाल ने बच्चे को रेस्क्यू किए जाने के बाद बताया कि बच्चे को निकाल लिया गया है और उसे अस्पताल भेजा गया है. NDRF की टीम ने 24 घंटे मशक्कत कर बच्चे को बाहर निकाला है. पुल को ठीक किया जाएगा. बच्चे की स्थिति अभी सामान्य नहीं कही जा सकती है. उनके इस बयान के थोड़ी देर बाद ही अस्पताल से बच्चे की मौत की खबर आ गई.
दीवार में छेद कर दी ऑक्सीजन, बांस से पहुंचाया खाना
इस दौरान NDRF टीम अपने साथ लाए सिलेंडर से बच्चे को ऑक्सीजन देती रही ताकि उसका दम न घुटे. इसके लिए दीवार में एक छेद किया गया. इसी छेद से बांस के जरिये बच्चे तक खाना पहुंचाया गया. इस दौरान मौके पर भारी भीड़ जुटी रही, जिसे संभालने के लिए भारी संख्या में पुलिस फोर्स भी तैनात की गई.
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