डीएनए हिंदी: India Pakistan News- जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान से सटी सीमा रेखा यानी लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) पर पहली बार महिला जवानों को तैनाती मिली है. सीमा सुरक्षा बल (Border Security Force) ने बहादुर महिला जवानों की एक टुकड़ी को LoC की सुरक्षा की जिम्मेदारी पर तैनात किया है. इसे ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है. BSF की महिला जवानों की यह टुकड़ी माइनस से भी 20 डिग्री कम तापमान में समुद्र तल से 14,000 फुट की ऊंचाई पर इस कठोर ड्यूटी के लिए खासतौर पर प्रशिक्षित की गई है. आधुनिक हथियारों से लैस ये सभी महिला जवान सीमा पर अपने पुरुष साथियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हर खतरे का सामना करते हुए ड्यूटी दे रही हैं और एक प्रेरित करने वाली मिसाल बन रही हैं.
आतंकी हरकतों को देखते हुए दी गई है हर तरह की ट्रेनिंग
Zee News की रिपोर्ट के मुताबिक, इन महिला जवानों को हर तरह के लेटेस्ट वैपन से लैस किया गया है, जिनमें INSAS, AK47, TAR और SLR राइफल्स शामिल हैं. इन्हें कठोर और हिम्मत तोड़ देने वाले मौसम के साथ ही चुनौतीपूर्ण ऊंचे-नीचे पहाड़ों में ऑपरेशन चलाने के लिए कठोर ट्रेनिंग मिली है. कश्मीर घाटी में LoC पर आतंकी हरकतों को देखते हुए इन महिला जवानों को घात लगाकर किए जाने वाले हमले से निपटने के अलावा नाइट पेट्रोल और आतंक विरोधी गतिविधियों से निपटने की खासतौर पर ट्रेनिंग दी गई है.
महिला जवानों की सीमा पर पहली तैनाती का गर्व भी है मन में
ये महिला जवान देश में महिला सैनिकों की तैनाती की राह खोलने का जरिया बनने की बात को गर्व से मानती हैं. एक महिला BSF जवान प्रीति चौधरी के मुताबिक, देश के प्रति प्यार हमें यहां लाया है. हम जीरो डिग्री से कम के तापमान और कम ऑक्सीजन जैसे क्लाइमेट चेंज इफेक्ट में ढलने के लिए बढ़िया ट्रेनिंग ले चुके हैं और कश्मीर से राजस्थान तक सेवा देने के लिए तैयार हैं. एक अन्य महिला BSF जवान मनदीप कौर के मुताबिक, हम सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तैयार हैं और पहले महिला ग्रुप के तौर पर यहां अपनी मौजूदगी से खुश हैं. हालात दूभर हैं, लेकिन हम फिर भी यहां टिके हैं.
LoC पर चेकिंग में भी मिला है लाभ
कश्मीर घाटी में इस बार भले ही ज्यादातर सर्दी सूखी गुजरी हो, लेकिन LoC पर ड्यूटी देना तब भी बेहद मुश्किल काम है. खासतौर पर हालिया समय में बढ़ी घुसपैठ की घटनाओं के कारण यहां सतर्कता बेहद ज्यादा रखनी पड़ती है. इस काम में सभी महिला जवान अहम हिस्सेदार साबित हुई हैं. उनकी उपस्थिति से महिलाओं की जांच में मदद मिली है, जो इससे पहले सीमावर्ती इलाकों में पुरुष जवानों के लिए चुनौतीपूर्ण काम होता था. BSF अफसर नरेश कुमार महिलाओं की समान क्षमता पर जोर देते हैं. उन्होंने कहा, महिलाएं भी पुरुषों के समान हैं और हर फील्ड में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं. वे हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करती हैं और हमें उन पर गर्व है.
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