Bulli Bai: आरोपी नीरज के पिता ने कहा-सारा दिन लैपटॉप खोले बैठा रहता था

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Jan 08, 2022, 09:41 AM IST

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Bulli Bai App से जुड़े आरोपी नीरज बिश्नोई के पिता ने बताया है कि आरोपी पढ़ाई में अच्छा है लेकिन वो पूरे दिन लैपटॉप में लगा रहता था.

डीएनए हिंदी: Bulli Bai App बनाकर उसमें बोली लगाने के लिए मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें डालने वाले आरोपी नीरज बिश्नोई को लेकर अब धीरे-धीरे खुलासे हो रहे हैं. उसके पिता दशरथ बिश्नोई ने बताया है कि वो पूरे दिन अपने लैपटॉप में ही लगा रहता था और वो काफी पढ़ा लिखा भी है. आरोपी के पिता ने बताया कि उन्हें अपने बेटे की Laptop संबंधी कामों की कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने बताया है कि पूरा दिन लैपटॉप चलाने के कारण नीरज किसी से कोई मतलब ही नहीं रखता था. 

Laptop का है आदी

Bulli Bai App से जुड़े मामले में पकड़े जाने के बाद आरोपी के पिता दशरथ बिश्नोई ने कहा कि 10वीं की परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए असम सरकार ने लैपटॉप दिए थे. इसी के तहत नीरज को भी लैपटॉप मिला था लेकिन मुफ्त लैपटॉप पाने के बाद 21 वर्षीय नीरज Laptop का आदी हो गया और मार्च 2020 के बाद से ही उसने अपने आपको एक कमरे में बंद कर लिया. नीरज के पिता पिकअप वैन चलाते हैं. उन्होंने अपने बेटे को लेकर कहा, "वह क्या करता है, हम बिल्कुल नहीं जानते. नीरज अपने बचपन के दिनों से खुद को अलग रखता था उसका शायद ही कोई दोस्त है."

स्कूल से भी मिलती थी शिकायत

नीरज पढ़ाई छोड़ Laptop में ही लगा रहता था. उसके पिता ने बताया कि जब नीरज नकेम साइंस एकेडमी में 11वीं और 12वीं की पढ़ाईता करता था तो प्रिंसिपल ने कई बार उसका लैपटॉप जब्त कर लिया था.  उन्होंने बताया, "मुझे लैपटॉप वापस लेने के लिए कई बार अकादमी जाना पड़ा. मुझे नहीं पता कि वह इसके साथ क्या करता था." नीरज के पिता ने कहा है कि उन्हें अपने बेटे के कामों के बारें कुछ नहीं पता है. उन्होंने गुहार लगाई है कि नीरज को छोड़ दिया जाए जिससे वह अगले सेमेस्टर की पढ़ाई के बाद परीक्षा में बैठ सके.

पढ़ाई में है होनहार

गौरतलब है कि नीरज वर्तमान में वीआईटी भोपाल में कंप्यूटर साइंस का द्वितीय वर्ष का छात्र है. इससे पहले वह एक ईसाई मिशनरी स्कूल में पढ़ता था और अपनी कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा में उसने 86 प्रतिशत और उच्च माध्यमिक (कक्षा 12) की परीक्षा में 82 प्रतिशत प्राप्त किए थे. नीरज को लेकर मध्य प्रदेश के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वह पढ़ने लिखने एक होनहार छात्र था लेकिन उसने कभी कक्षाएं अटेंड नहीं की थीं. 

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