डीएनए हिंदी: उत्तर प्रदेश को आज अपना 6वां एक्सप्रेसवे यानी बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (Bundelkhand Expressway) मिल जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) जालौन जिले की उरई तहसील में आयोजित कार्यक्रम में बुंदेलखंड का लोकार्पण करेंगे. यह एक्सप्रेसवे प्रदेश के पिछड़े इलाकों में से एक बुंदेलखंड को आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे (Agra-Lucknow Expressway) से जोड़ेगा. 296 किलोमीटर लंबी इस सड़क को उत्तर प्रदेश सरकार ने सिर्फ़ 28 महीनों में पूरा कर लिया है. यूपी सरकार का कहना है कि अभी सात और एक्सप्रेसवे के निर्माण का काम चल रहा है. बुंदलेखंड एक्सप्रेसवे झांसी के डिफेंस कॉरिडोर (Jhansi Defence Corridor) को भी दिल्ली से जोड़ने के काम करेगा.
उत्तर प्रदेश के पिछड़े हिस्सों में शामिल बुंदेलखंड के लिए एक्सप्रेसवे बनाने की योजना उसी वक्त शुरू हो गई थी जब योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री बनने के बाद इस क्षेत्र में अपना पहला दौरा किया था. योगी आदित्यनाथ ने वादा किया था कि बुंदेलखंड में भी एक एक्सप्रेसवे बनाया जाएगा. इसी योजना पर काम करते हुए उत्तर प्रदेश ने काफी तेजी से भूमि अधिग्रहण किया. यूपी सरकार का दावा है कि इस योजना में जमीन को लेकर विवाद हुए ही नहीं इसी वजह से योजना पर तेजी से काम हो सका और प्रोजेक्ट को समय से पहले ही पूरा कर लिया गया.
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समय से पहले तैयार हो गया बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) के नेतृत्व में इस प्रोजेक्ट का काम शुरू किया गया. यह एक्सप्रेसवे बुंदेलखंड में आने वाले चित्रकूट जिले के भरतकूप से शुरू होता है और इटावा जिले के कुदरैल गांव में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से मिल जाता है. इसकी कुल लंबाई 296 किलोमीटर है. इस सड़क को बनाने में लगभग 15 हज़ार करोड़ रुपये खर्च हुए हैं और इसे बनाने में कुल 28 महीने का समय लगा है.
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बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे फिलहाल फोर लेन है लेकिन इसे छह लेन तक बढ़ाया जा सकता है. एक्सप्रेसवे के आसपास के गांवों के लोगों की सुविधा के लिए इसके एक तरफ 3.75 मीटर की सर्विस रोड भी बनाई गई है. इटावा से चित्रकूट के बीच यह एक्सप्रेसवे बागेन, केन, श्यामा, चंदावल, बिरमा, यमुना, बेतवा और सेंगर नदियों को पार करता है. इसपर कुल 4 रेलवे ओवर ब्रिज, 14 बड़े पुल, 266 छोटे पुल, 18 फ्लाईओवर, 6 टोल प्लाजा और 7 रैंप प्लाजा बनाए गए हैं.
यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के इटावा जिले से शुरू होकर औरैया, जालौन, हमीरपुर, महोबा और बांदा जिले से होते हुए चित्रकूट जिले तक जाता है. यूपी सरकार को उम्मीद है कि एक्सप्रेसवे से जुड़ने के बाद ये जिले विकास के रास्ते पर आगे बढ़ेंगे और उद्योगों को भी पनपने का रास्ता मिलेगा. चित्रकूट के भरतकूप के जुड़ने की वजह से यूपी सरकार का कहना है कि आर्थिक विकास के साथ-साथ यह सड़क लोगों को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विकास से भी जोड़ेगी.
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