CAA Notification Updates: केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) का नोटिफिकेशन जारी करने के बाद शुरू हुआ बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस कानून के कारण भारतीय मुस्लिमों की नागरिकता छीने जाने की अफवाह फिर फैलने लगी है. इसके बाद मंगलवार देर शाम केंद्र सरकार ने एक बार फिर कहा है कि CAA के कारण भारतीय मुस्लिमों की नागरिकता किसी भी तरह से प्रभावित नहीं होने जा रही है. इससे मुस्लिमों को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. साथ ही केंद्र सरकार ने उस सवाल का जवाब भी दे दिया है, जिसमें पूछा जा रहा था कि CAA लागू होने के बाद अब देश में मुस्लिम शरणार्थी आ सकते हैं या नहीं? सरकार ने स्पष्ट किया है कि किसी भी शरणार्थी को धार्मिक आधार पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा.
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सोमवार को जारी हुआ था नोटिफिकेशन
केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून के प्रावधान लागू करने वाला नोटिफिकेशन सोमवार को जारी किया है. इसके जरिये 31 दिसंबर, 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को बिना दस्तावेज के भी भारतीय नागरिकता देने की व्यवस्था की गई है. कई साल से लंबित होने के बाद लोकसभा चुनाव से ठीक पहले CAA लागू करने के कारण विपक्षी दलों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है. इसे मुस्लिम विरोधी बताकर प्रचार किया जा रहा है. साथ ही यहां तक कहा जा रहा है कि यह कानून भारतीय मुस्लिमों को देश से निकालने के लिए लागू किया गया है. PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इन सभी दावों पर स्पष्टीकरण जारी किया है.
भारतीय मुस्लिमों का नहीं है कोई लेना-देना
गृह मंत्रालय ने कहा, भारतीय मुस्लिमों का CAA से कोई लेना-देना नहीं है. भारत में हिंदू और मुस्लिम नागरिकों को समान अधिकार हासिल हैं. गृह मंत्रालय ने कहा, किसी भी भारतीय नागरिक को अपनी नागरिकता साबित नहीं करनी होगी. इसके लिए उसे कोई दस्तावेज पेश करने के लिए नहीं कहा जाएगा.
दुनिया के किसी भी हिस्से से मुस्लिम मांग सकता है भारतीय नागरिकता
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि CAA किसी भी तरह से पाकिस्तान, बांग्लादेश या अफगानिस्तान के मुस्लिमों पर रोक नहीं लगाता है. इन देशों के जो मुस्लिम अपने तरीके से इस्लाम का पालन करने पर उत्पीड़ित किए जा सकते हैं, वे पहले से मौजूद कानूनों के तहत भारतीय नागरिकता हासिल करने के लिए आवेदन कर सकते हैं. दुनिया के किसी भी हिस्से के मुस्लिम के लिए भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने पर रोक नहीं है. मुस्लिम भी नागरिकता कानून की धारा-6 के तहत भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं, जो प्राकृतिक आधार पर नागरिकता से संबंधित है.
इस्लाम की छवि खराब होने से बचाने की कोशिश
मंत्रालय के मुताबिक, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में अल्पसंख्यकों पर जघन्य अत्याचारों के कारण पूरी दुनिाय में इस्लाम की छवि खराब हो रही है. इस्लाम शांतिपूर्ण धर्म है, जो कभी भी धार्मिक आधार पर घृणा, हिंसा, उत्पीड़न को बढ़ावा नहीं देता है. ऐसे में यह कानून अत्याचार के नाम पर इस्लाम की छवि खराब होने से बचाने की कोशिश है.
भारत का नहीं इन देशों से प्रवासी वापस भेजने का समझौता
मंत्रालय ने कहा, इन तीन मुस्लिम देशों के साथ भारत का प्रवासी वापस भेजने का समझौता नहीं है. ऐसे में CAA किसी भी तरह से निर्वासन से जुड़ा हुआ नहीं है. इस कारण मुस्लिमों, छात्रों और लोगों के एक वर्ग का इसे भारतीय अल्पसंख्यकों के खिलाफ बताना पूरी तरह अनुचित है.
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