रिजिजू के बाद कानून राज्यमंत्री बघेल भी हटाए गए, न्यायपालिका से संबंध सुधारने की कवायद या कुछ और है बात?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:May 19, 2023, 06:24 AM IST

Sp Singh Baghel (File Photo)

Kiren Rijiju को गुरुवार सुबह केंद्रीय कानून मंत्री के पद से हटा दिया गया था. इसके कुछ घंटे बाद केंद्र सरकार ने राज्य मंत्री SP Singh Baghel को भी उनके पद हटाकर स्वास्थ्य मंत्रालय में भेज दिया है.

डीएनए हिंदी: Modi Cabinet Reshuffle- केंद्रीय विधि व न्याय मंत्रालय (Law Ministry) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को आमूलचूल परिवर्तन के मूड में दिखाई दिए हैं. पहले कानून मंत्री किरेन रिजिजू को इस मंत्रालय से हटाकर भू विज्ञान मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई. इसके कुछ ही घंटे बाद इस अहम मंत्रालय से राज्यमंत्री एसपी बघेल (SP Singh Baghel) को भी दूसरी जगह का रास्ता दिखा दिया गया है. बघेल अब स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्यमंत्री के तौर पर सेवाएं देंगे. हालांकि इस बदलाव को लेकर अभी तक कोई ऑफिशियल बयान सरकार की तरफ से सामने नहीं आया है, लेकिन एक ही दिन में दोनों मंत्रियों को बदले जाने के कारण कई तरह के सवाल खड़े हो गए हैं. इनमें सबसे ज्यादा चर्चा पिछले दिनों कानून मंत्री रिजिजू और सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के बीच कई मुद्दों पर बनी रही टकराव की स्थिति को लेकर हो रही है. माना जा रहा है कि पीएम मोदी की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से रिश्ते सुधारने की कवायद के तहत ये कदम उठाए हैं. 

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रिजिजू का रिप्लेसमेंट मिला, बघेल की जगह लेने वाला तय नहीं

राष्ट्रपति भवन की तरफ से गुरुवार को जारी अधिसूचना के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की सलाह पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) ने किरेन रिजिजू की जगह संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल को स्वतंत्र प्रभार के तौर पर विधि व न्याय मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी है. रिजिजू को पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय सौंपा गया है. हालांकि सत्यपाल सिंह बघेल की जगह कानून मंत्रालय में कौन सा राज्यमंत्री आएगा, इसकी घोषणा अभी नहीं की गई है. राष्ट्रपति भवन की तरफ से जारी अधिसूचना में केवल उन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय भेजे जाने का ही जिक्र है.

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दो साल से लगातार सुप्रीम कोर्ट से टकराव पर था कानून मंत्रालय

कानून मंत्रालय पिछले दो साल में किरेन रिजिजू के नेतृत्व में लगातार सुप्रीम कोर्ट के साथ टकराव  (Kiren Rijiju vs Judiciary) की मुद्रा में दिखाई दिया था. खासतौर पर सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को लेकर किरेन रिजिजू बहुत ज्यादा मुखर रहे थे. रिजिजू जुलाई, 2021 में रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar) की जगह कानून मंत्री बने थे. रिजिजू ने सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हो चुके कई जजों को एंटी इंडिया एलिमेंट्स कहा था. नंवबर 2022 में उन्होंने जजों की नियुक्ति वाले कॉलेजियम सिस्टम पर सवाल उठाए थे और पूछा था कि क्या ये संविधान के लिए एलियन है. रिजिजू के ऐसे ही कई अन्य बयानों को लेकर सुप्रीम कोर्ट और सरकार के बीच खिंचाव की स्थिति पैदा हुई थी. 

कॉलेजियम को लेकर बहुत ज्यादा बढ़ गया था तनाव

कॉलेजियम से मंजूर हो चुके जजों के नामों की नियुक्ति लटकाए रखने के चलते भी सुप्रीम कोर्ट कानून मंत्रालय से नाराजगी की स्थिति में है. पिछले साल नवंबर में खासतौर पर कॉलेजियम पर कमेंट और नियुक्ति लटकाए रखने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की बेंच ने सुनवाई के दौरान नाराजगी जताई थी. बेंच ने NJC को सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी नहीं मिलने के कारण जजों की नियुक्ति लटकाए रखने जैसा कमेंट भी सरकार पर किया था. बेंच ने सरकार को तत्काल नियुक्ति देने के आदेश भी दिए थे. इसके बाद से सुप्रीम कोर्ट और मंत्रालय के बीच तनाव और ज्यादा बढ़ गया था. इसके अलावा भी रिजिजू के कमेंट्स को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हुई थी. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने टकराव को और ज्यादा बढ़ने से रोकने के लिए याचिका को दो दिन पहले खारिज कर दिया है.

मोदी सरकार नहीं चाहती न्यायपालिका से कोई भी टकराव

माना जा रहा है कि उनके कई कमेंट्स के चलते न्यायपालिका और मोदी सरकार के बीच तनातनी बनी हुई है, जबकि सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार से जुड़े कई अहम मामलों की सुनवाई इस समय चल रही है, जिनके फैसलों का असर आगामी लोकसभा चुनाव के परिणाम पर हो सकता है. माना जा रहा है कि इस कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फिलहाल न्यायपालिका के साथ कोई टकराव नहीं चाहते हैं. इस टकराव को बढ़ने से टालने के लिए ही रिजिजू को मंत्रालय से रुख्स्त कर दिया गया है. 

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