मेघालय के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक से CBI की पूछताछ, 300 करोड़ की रिश्वत से जुड़ा है मामला

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Oct 08, 2022, 08:46 PM IST

पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक (File Photo)

सत्यपाल मलिक ने दावा किया था कि जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के तौर पर उनके कार्यकाल के दौरान 300 करोड़ रुपये की रिश्वत का ऑफर दिया गया था.

डीएनए हिंदी: मेघालय के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satya Pal Malik) से केंद्रीय अन्‍वेषण ब्‍यूरो (CBI) के अधिकारियों ने शनिवार को पूछताछ की. सीबीआई ने यह पूछताछ 300 करोड रुपये की रिश्वत की पेशकश करने के मामले में की. आरोप है कि सत्यपाल मलिक जब जम्मू कश्मीर के राज्यपाल थे तब उन्हें दो फाइलें क्लीयर करने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेश की गई थी.

अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई टीम ने इस सप्ताह की शुरुआत में सत्यपाल मलिक का बयान लिया है. उन्होंने बताया कि मलिक का राज्यपाल के रूप में पांच साल का कार्यकाल 4 अक्टूबर को समाप्त होने के बाद उनसे पूछताछ की गई. मलिक को 2017 में बिहार के राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया था, जिसके बाद उन्हें 2018 में जम्मू कश्मीर भेज दिया गया था. अगस्त 2019 में मलिक के रहते ही जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करने वाले अनुच्छेद 370 के हटा दिया गया था.

ये भी पढ़ें- आजादी के बाद पहली बार Air Force में बनेगी नई शाखा,  जानिए कैसे बचेंगे सरकार के 3,500 करोड़ 

अंबानी और RSS जुड़े शख्स ने की थी रिश्वत की पेशकश
इसके बाद सत्यपाल मलिक को मेघालय का गवर्नर बनाया गया था, जहां उनका पांच साल का कार्यकाल इस महीने 4 अक्टूबर को समाप्त हुआ. मलिक ने दावा किया था कि उन्हें 23 अगस्त 2018 से 30 अक्टूबर 2019 के बीच जम्मू कश्मीर के राज्यपाल के तौर पर उनके कार्यकाल के दौरान दो फाइल को मंजूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी. उन्होंने कहा था, ‘कश्मीर जाने के बाद दो फाइल मेरे पास मंजूरी के लिए आईं, इसमें से एक अंबानी की थी और दूसरी आरएसएस से जुड़े एक व्यक्ति की, जो महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार में मंत्री थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बहुत करीब होने का दावा करते थे.’ 

ये भी पढ़ें- अपने Aadhaar Biometrics डेटा को ऑनलाइन लॉक कैसे करें?

सीबीआई ने दर्ज की थी FIR
मलिक ने पिछले साल अक्टूबर में राजस्थान के झुंझुनू में एक सभा में कहा था कि मुझे दोनों विभागों के सचिवों द्वारा सूचित किया गया था कि यह एक घोटाला है. मैंने इसे दोनों फाइलों को तुरंत रद्द कर दिया. सचिवों ने मुझसे कहा था कि आपको प्रत्येक फाइल को मंजूर करने के लिए 150 करोड़ रुपये मिलेंगे लेकिन मैंने उनसे कहा कि मैं पांच कुर्ता-पायजामा लेकर आया हूं और उसी के साथ जाऊंगा.’ इस साल अप्रैल में सीबीआई ने मलिक द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों के संबंध में 2 FIR दर्ज की थी. जिसमें सरकारी कर्मचारियों के लिए एक सामूहिक चिकित्सा बीमा योजना और पूर्ववर्ती राज्य में किरू जलविद्युत परियोजना से संबंधित 2,200 करोड़ रुपये के सिविल कार्य के लिए ठेके प्रदान करने से संबंधित थी.

ये भी पढ़ें- दुनिया पर मंडराया Doomsday glacier का खतरा, एक पिन की नोक पर टिका, समुद्र में मचाएगा तांडव

सीबीआई ने जम्मू-कश्मीर सरकार के कर्मचारियों के लिए उस विवादास्पद स्वास्थ्य बीमा योजना से संबंधित अपनी एफआईआर में रिलायंस जनरल इंश्योरेंस और ट्रिनिटी री-इंश्योरेंस ब्रोकर्स लिमिटेड को आरोपी बनाया. जिसे मलिक ने 31 अगस्त 2018 को राज्य प्रशासनिक परिषद की बैठक में कथित तौर पर मंजूरी दी थी. एफआईआर में आरोप लगाया है कि राज्य सरकार के वित्त विभाग के अज्ञात अधिकारियों ने ट्रिनिटी रीइंश्योरेंस ब्रोकर्स लिमिटेड, रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और अन्य अधिकारियों व निजी व्यक्तियों के साथ साजिश और मिलीभगत में अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करते हुए आपराधिक साजिश और आपराधिक कदाचार के अपराध किए.’ 

(भाषा इनपुट के साथ)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

CBI cbi news Satya Pal Malik governor