CBSE ने बदला एग्जाम फॉर्मेट, कक्षा 11-12 में ऐसे सवालों पर मिलेगा ज्यादा वेटेज

कुलदीप पंवार | Updated:Apr 05, 2024, 12:18 AM IST

CBSE Changed Exam Format: सीबीएसई लगातार अपने सिलेबस और एजुकेशन सिस्टम में बदलाव कर रही है. इसके तहत पढ़ाई को महज रट्टा मारने के दायरे से निकालकर ज्यादा व्यवहारिक बनाने की कोशिश चल रही है.

CBSE Changed Exam Format: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने अपने सिलेबस और एजुकेशन सिस्टम को ज्यादा व्यवाहरिक बनाने के लिए एक और कदम उठाया है. सीबीएसई ने कक्षा 11 और 12 के ईयर एंड एग्जाम फॉर्मेट को बदलने की घोषणा की है. अब इन एग्जाम के प्रश्न पत्र (Question Paper) में सामान्य सवालों के बजाय कॉन्सेप्ट बेस्ड सवाल ज्यादा पूछे जाएंगे. इसके लिए सीबीएसई ने कॉन्सेप्ट बेस्ड सवालों की वेटेज बढ़ाकर 50% कर दी है, जबकि शॉर्ट और लॉन्ग फॉर्मेट वाले सवालों के जवाब की वेटेज घटा दी है. नया बदलावा 2024-25 सेशन से ही लागू कर दिया जाएगा यानी इस बार कक्षा 11 और 12 में आए स्टूडेंट्स को नए फॉर्मेट के लिहाज से ही एग्जाम देना होगा.

यह किया गया है वेटेज में बदलाव

सीबीएसई ने 2023-24 सेशन के दौरान ईयर एंड एग्जाम में कॉन्सेप्ट बेस्ड सवालों का वेटेज 40% रखा था, लेकिन नए सेशन से इसे बढ़ाकर 50% कर दिया गया है. इसके उलट लॉन्ग और शॉर्ट फॉर्मेट वाले सवालों का वेटेज 40% से घटाकर 30% कर दिया गया है. इस बदलाव का मकसद स्टूडेंट्स को वास्तविक जीवन में काम आने वाले टॉपिक्स की जानकारी से जोड़ने के लिए किया गया है. 

क्या कहा है सीबीएसई ने

सीबीएसई ने इस नए एग्जाम फॉर्मेट का सर्कुलर भी सभी स्कूलों को भेज दिया है. बुधवार (3 अप्रैल) को भेजे गए सर्कुलर में सीबीएसई ने कहा, 'नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (NEP 2020) की गाइडलाइंस के तहत असेसमेंट और इवैल्यूएशन को अलाइन करने के अभ्यास को 2024-25 एजुकेशन सेशन में जारी रखा जाएगा. इसके लिए वास्तविक जीवन के हालात से जुड़े कॉन्सेप्ट टॉपिक्स बेस्ड सवालों का प्रतिशत एग्जाम पेपर में 10% बढ़ाया गया है. यह भी बताया गया है कि कॉन्सेप्ट बेस्ड सवालों में किस तरह के सवाल पूछे जाएंगे. इनमें केस बेस्ड, मल्टीपल चॉइस वाले सवाल, सोर्स बेस्ड इंटिग्रेटिड सवाल शामिल हैं. 

तीन साल से चल रही है यह कवायद

सीबीएसई ने स्कूलों को भेजे पत्र में कहा है कि नई शिक्षा नीति के तहत किताबों के बजाय योग्यता पर आधारित एजुकेशन सिस्टम की परिकल्पना वाला सिस्टम बनाने पर बोर्ड का जोर है. इसमें बच्चों को रटने के बजाय समझने और सीखने की योग्यता को विकसित करना है ताकि वे 21वीं सदी की चुनौतियों के लिए पूरी तरह तैयार हो सकें. एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक, इसके लिए प्रश्न पत्र में कॉन्सेप्ट बेस्ड सवालों को बढ़ाया जा रहा है और यह कवायद पिछले तीन साल से लगातार की जा रही है. हर साल ऐसे सवालों की संख्या पिछले सालों के मुकाबले ज्यादा की जाती है.

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