डीएनए हिंदी: चंद्रयान-3 अब चांद की तलाशी ले रहा है. विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर चंद्रमा की सतह पर हैं और डेटा जुटा रहे हैं. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (ISRO) प्रज्ञान रोवर की ओर से जारी होने वाले हर आंकड़े का विश्लेषण कर रहा है. ISRO चीफ एस सोमनाथ ने कहा है कि वैज्ञानिक, अगले 14 दिनों के लिए बेहद उत्साहित हैं.
एस सोमनाथ ने कहा, 'वैज्ञानिक मिशन का ज्यादातर मकसद अब पूरा होने वाला है. लैंडर और रोवर सभी चालू हैं. मैं समझता हूं कि साइंटिफिक डेटा साफ नजर आ रहा है. हम अगले 14 दिन चांद से मिलने वाले बहुत से डेटा का अध्ययन जारी रखेंगे. हमें उम्मीद है कि विज्ञान के लिए वास्तव में अच्छी सफलता हासिल करेंगे. इसलिए हम अगले 13-14 दिनों के लिए उत्साहित हैं.'
कहां तक सफल हुआ इसरो का मिशन?
ISRO के मताबिक चंद्रयान-3 ने अपने प्रमुख उद्देश्यों को पूरा कर लिया है. तीन में दो मकसद पूरे हो गए हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर ISRO ने लिखा 'चंद्रयान-3 मिशन के तीन उद्देश्यों में से, चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग सफल रही है. प्रज्ञान रोवर चांद की सतह पर घूम रहा है. सभी पेलोड सही तरह से काम कर रहे हैं. साइंटिफिक एक्सपेरिमेंट चल रहा है.'
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अंतरिक्ष में इतिहास रच रहा है भारत
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (ISRO) हर दिन भारत में नया इतिहास रच रहा है. भारत दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करने वाला पहला देश बन गया है. भारत, अंतरिक्ष में चौथी महाशक्ति बनता जा रहा है. अमेरिका, सोवियत संघ और चीन के बाद चौथा देश भारत ही है जिसने चांद पर लैंडिंग की है.
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