डीएनए हिंदी: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (ISRO) का महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान, अपने अंतिम पड़ाव की ओर तेजी से बढ़ रहा है. देश समेत दुनियाभर की स्पेस एजेंसियों की नजर चंद्रयान-3 पर है. अब चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर, प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग हो गया है. आगे की राह, विक्रम लैंडर को खुद ही तय करनी है. प्रोपल्शन मॉड्यूल, चंद्रमा के ऑर्बिट में अब घूमेगा. विक्रम लैंडर, अब चंद्रमा की ओर आगे बढ़ रहा है. विक्रम लैंडर, 23 अगस्त को चांद की सतह पर उतरेगा. अब चंद्रमा 100 किलोमीटर की दूरी पर है. विक्रम लैंडर यह दूरी अगले 6 दिनों में तय करेगा.
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विक्रम लैंडर चांद की दक्षिणी हिस्से में पहुंचेगा. ऐसा नहीं है कि विक्रम लैंड से अलग होने के बाद प्रोपल्शन मॉड्यूल का काम खत्म हो जाएगा. लैंडर से अलग होने के बाद यह मॉड्यूल चंद्रमा का चक्कर लगाएगा और पृथ्वी से आने वाले रेडिएशन की जानकारी हासिल करेगा.
चंद्रयान से 100 किलोमीटर दूर रह गया है चंद्रयान-3
चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग के लिए आगे बढ़ रहा है. चंद्रमा से अब विक्रम लैंडर की दूरी करीब 100 किलोमीटर रह गई है. इतनी कम दूरी भी लैंडर 6 दिनों में पूरी करेगा. चंद्रयान-3 चंद्रमा के सर्कुलर ऑर्बिट के चक्कर लगाएगा.
विक्रम लैंडर सर्कुलर ऑर्बिट में इसलिए घूमेगा क्योंकि इसकी वजह से हर तरफ से चांद की दूरी 100 किलोमीटर ही रहेगी. चंद्रयान, 100 किलोमीटर की ऊंचाई पर चक्कर लगाएगा. इसके बाद सर्कुलर ऑर्बिट में ही चंद्रयान-3 की रफ्तार लगातार कम की जाएगी.
कब होगी चंद्रयान-3 की चांद पर लैंडिंग?
जब एक बार चंद्रयान-3 और चंद्रमा के सतह की दूरी कम होगी, तब सॉफ्ट लैंडिंग का आखिरी चरण शुरू होगा. चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल 23 अगस्त को दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचेगा, जिसके बाद इसकी सॉफ्ट लैंडिंग कराई जाएगी.
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