डीएनए हिंदी: Congress Vs BJP- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से चंद्रयान-3 के लैंडिंग पॉइंट को शिवशक्ति नाम देने पर विवाद खड़ा हो गया है. इसे लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीज जुबानी जंग शुरू हो गई है. कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने तो साफतौर पर भड़कते हुए पीएम मोदी की नाम रखने की हैसियत पर ही सवाल खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा, पीएम मोदी चांद के मालिक नहीं हैं, जो शिवशक्ति नाम रख दें. अल्वी ने जवाहर पॉइंट से शिवशक्ति पॉइंट नामकरण की तुलना करने पर भी ऐतराज जताया है. इस पर भाजपा ने भी पलटवार करते हुए अल्वी को हिंदू विरोधी बता दिया है.
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'हास्यास्पद है पीएम मोदी का नामकरण करना'
कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा, पीएम मोदी को नामकरण करना हास्यास्पद है. हम उस लैंडिंग पॉइंट के मालिक नहीं हैं. पीएम मोदी चांद के मालिक नहीं हैं. नरेंद्र मोदी जी को चांद की सतह पर नाम रखने का अधिकार किसने दिया? इस नामकरण के बाद पूरा विश्व हम पर हंसेगा. नाम बदलना भाजपा की आदत रही है. जब से वो सत्ता में आई है, यही काम कर रही है.
'जवाहर लाल नेहरू से तुलना मत कीजिए आप'
इंटरव्यू के दौरान राशिद अल्वी ने जवाहर पॉइंट की भी बात की, जहां साल 2008 में कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए सरकार की तरफ से भेजे गए चंद्रयान-1 की क्रैश लैंडिंग हुई थी. भाजपा का कहना है कि पीएम ने चंद्रयान-3 के लैंडिंग पॉइंट का नाम अपने या अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर नहीं रखा, लेकिन कांग्रेस सरकार ने जवाहर पॉइंट नाम रखा था. इस पर राशिद अल्वी ने इस तुलना पर ऐतराज जताया. उन्होंने कहा, जवाहरलाल नेहरू से आप तुलना नहीं कर सकते. इसरो की मौजूदा हैसियत पंडित नेहरू की बदौलत ही है. 1962 में पंडित नेहरू की मदद से ही विक्रम साराभाई ने इसरो की नींव रखी थी. पंडित नेहरू को इसका फाउंडर कहा जा सकता है. अब मोदी जी इसका राजनीतिकरण कर रहे हैं.
'कांग्रेस सरकार होती तो गांधी परिवर के नाम पर होता लैंडिंग पॉइंट'
भाजपा ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा है कि उसके लिए परिवार देश से पहले आता है. भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा, कांग्रेस के यूपीए की सरकार होती तो लैंडिंग पॉइंट का नाम इंदिरा या राजीव पॉइंट होता. उन्होंने कहा, कांग्रेस की मानसिकता एंटी-हिंदू और एंटी-इंडिया है. शिवशक्ति नाम रखने पर कांग्रेस को ऐतराज होता है, लेकिन जवाहर पॉइंट नाम रखने पर वह ताली बजाती है.
पीएम मोदी ने कहा, '23 अगस्त का हर पल मेरी आंखों में घूम रहा है'
पीएम मोदी दक्षिण अफ्रीका में BRICS Summit के बाद ग्रीस होते हुए भारत पहुंचे हैं, जहां वे सबसे पहले बंगलुरू में इसरो वैज्ञानिकों से मिलने पहुंचे. इसरो वैज्ञानिकों से उन्होंने कहा, जहां कोई नहीं पहुंचा, वहां हम पहुंचे यानी जो किसी ने नहीं किया, वो हमने कर दिखाया. मेरी आंखों के सामने 23 अगस्त का वो हर पल घूम रहा है, जब टच डाउन कंफर्म हुआ था. इसरो सेंटर ही नहीं पूरे देश में लोग उछल पड़े. वह दृश्य कैसे भुलाया जाएगा. कुछ यादें अमर होती हैं. भारत ने उस हिस्से के नामकरण का फैसला लिया है, जहं चंद्रयान उतरा था. उस पॉइंट को अब 'शिवशक्ति' नाम से जाना जाएगा.
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