डीएनए हिंदी: Chandrayaan-3 Launch- भारत का तीसरा मून मिशन 'चंद्रयान-3' शुक्रवार को दोपहर 2.35 मिनट पर लॉन्च हो गया. यह करीब 42 दिन बाद चंद्रमा पर लैंड करेगा. चंद्रयान-3 को विशालकाय LVM3 Rocket के जरिये लॉन्च किया गया है. आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा (Sriharikota) स्थित सतीश धवन स्पेस रिसर्च सेंटर से चंद्रयान ने उड़ान भरी है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organization) के लिए चंद्रयान-3 मिशन बेहद खास है. दुनियाभर की नजरें इस प्रोजेक्ट पर टिकी हैं.
दुनियाभर से मिल रही इसरो को तारीफ, ग्लोबल टाइम्स ने कही ये बात
चंद्रयान-3 की सफल लॉन्चिंग पर दुनियाभर से भारत को तारीफें मिल रही हैं. जापान और ब्रिटेन की अंतरिक्ष की एजेंसियों ने भारत की तारीफ की है. चीन ने भी भारत की तारीफ की है. अखबार ने लिखा है, 'बधाई हो! भारत ने शुक्रवार को अपने चंद्र मिशन चंद्रयान-3 को ऑर्बिट में सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है. उम्मीद है कि अंतरिक्ष यान अगस्त में चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग कर लेगा. अगर भारत इस कोशिश में सफल हो जाता है तो वह चंद्रमा पर कंट्रोल्ड लैंडिंग करने वाला विश्व का चौथा देश बन जाएगा.'
NASA ने दी ISRO को बधाई
अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने इसरो को चंद्रयान-3 लॉन्च के लिए बधाई दी है. नासा के एडमिनिस्ट्रेटर बिल नेल्सन ने कहा है कि वह चंद्रयान-3 के सुखद यात्रा की कामना करते हैं. उन्होंने ट्वीट किया, 'चंद्रयान-3 लॉन्च के लिए इसरो को बधाई. हम आपके चांद पर सुरक्षित यात्रा की कामना करते हैं. इस मिशन के वैज्ञानिक परिणामों को लेकर आशान्वित हैं.''
चंद्रयान की लॉन्चिंग सफल
चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग सफल हो गई है. इसरो ने बताया कि एलवीएम3 एम4 वाहन ने चंद्रयान-3 को पृथ्वी की कक्षा में सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया है. लैंडर मॉड्यूल चंद्रमा के साउथ पोल पर उतरेगा और यह 23 अगस्त या 24 अगस्त को हो सकता है.
कब चांद पर पहुंचेगा चंद्रयान?
इसरो चीफ डॉ सोमनाथ ने कहा है कि 1 अगस्त को लूनर ट्रांजेक्शन, 17 अगस्त को मॉड्यूल सेपरेशन होगा. इसके बाद अगर सब कुछ सही रहा तो 23 अगस्त की शाम 5:45 बजे लैंडिंग संभव होगी.
दो साल में 100 से ज्यादा टेस्ट, फिर चंद्रयान-3 के लिए भरी उड़ान
इसरो चीफ डॉ सोमनाथ ने कहा कि अगर चंद्रयान-3 और उसके बाद विक्रम लैंडर ने चांद को कैप्चर कर लिया, तब मिशन पूरा हो जाएगा. हर स्टेप बेहद मुश्किल है. पर हमें उम्मीद है.पिछले दो सालों में हमने 100 से ज्यादा टेस्ट किए हैं.
चंद्रयान-3 चांद की ओर रवाना
इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-3 को सतीश धवन रिसर्च सेंटर (Satish Dhawan Space Centre) से दोपहर 2.35 बजे लॉन्च हो गया. मिशन ऑथोराइजेशन बोर्ड ने चंद्रयान-3 मिशन (CHandrayaan-3 Mission) को सेंटर के दूसरे नंबर के लॉन्च पैड से रवाना किए जाने की मंजूरी जैसे दी, चंद्रयान ने उड़ान भर दी.
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कहां देखें लाइव चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग?
इसरो के चंद्रयान-3 मिशन की लॉन्चिंग को लाइव दिखाने की भी तैयारी की गई है. इसके लिए आपको ISRO के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल को ओपन करना होगा. इस यूट्यूब चैनल पर मिशन के लॉन्च की पूरी लाइव स्ट्रीमिंग की जा रही है.
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पढ़ते रहिए इस मिशन से जुड़े सभी अहम Live Updates.
चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग पर क्या बोले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के बाद ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, 'चंद्रयान-3 ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय लिखा. इसने हर भारतीय के सपनों और महत्वाकांक्षाओं को ऊपर उठाते हुए ऊंची उड़ान भरी है. यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है. मैं उनकी भावना और प्रतिभा को सलाम करता हूं.'
पल-पल की मॉनिटरिंग कर रहा है ISRO
चंद्रयान-3 की ल़ॉन्चिंग के बाद अब इसरों रॉकेट की एक एक पल की मॉनिटरिंग कर रहा है.
लॉन्च हो गया चंद्रयान-3
इसरो ने चंद्रयान-3 को चंद्रमा के सफर पर भेजने के लिए लॉन्च कर दिया है.
सॉफ्ट लैंडिंग होगा पहला लक्ष्य
इसरो ने चंद्रयान-2 की तरह ही चंद्रयान-3 के लैंडर को विक्रम और रोवर को प्रज्ञान नाम दिया है. चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग के बाद इसरो का सबसे पहला मकसद लैंडर की चांद की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग कराना होगा.
फैटबॉय ले गया चंद्रयान-3
इसरो के चंद्रयान 3 प्रोजेक्ट को LVM3M4 रॉकेट के जरिए पूरा किया जा रहा है. इसे GSLVMK3 भी कहा जाता था. इसरो में इस रॉकेट को 'फैट बॉय' भी कहा जाता है.
ISRO ने लैंडर और रोवर को दिया पुराना नाम
इसरो ने चंद्रयान 2 की तरह ही चंद्रयान 3 के लैंडर का नाम विक्रम और रोवर का नाम रखा है. चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग के बाद इसरो का सबसे पहला मकसद लैंडर की चांद की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग कराना होगा.
पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, "जहां तक भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र का सवाल है, तो 14 जुलाई 2023 का दिन हमेशा सुनहरे अक्षरों में अंकित रहेगा. चंद्रयान-3 हमारा तीसरा चंद्र मिशन, अपनी यात्रा पर निकलेगा. यह उल्लेखनीय मिशन हमारे राष्ट्र की आशाओं और सपनों को आगे बढ़ाएगा."
प्रक्षेपण देखने पहुंचे स्कूली छात्र
चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण को देखने के लिए 200 से अधिक स्कूली छात्र आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र पहुंचे हैं. इस दौरान छात्रों ने मिशन के सफल होने की भी उम्मीद जताई है
मिशन सफल रहा तो चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा भारत. चांद का यह हिस्सा अंधेरे में डूबा रहता है, इस कारण यहां के बारे में दुनिया को ज्यादा जानकारी नहीं है.
यदि ISRO यह कारनामा करने में सफल हो जाता है तो चांद की सतह पर उतरने वाला भारत दुनिया का महज चौथा देश बन जाएगा.
ISRO का चांद के करीब जाने का यह तीसरा मौका है. इससे पहले प्रयास में भी चंद्रयान-2 का लैंडर चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतारने की कोशिश की गई थी, लेकिन तब वह मिशन फेल हो गया था.
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