डीएनए हिंदी: ISRO News- भारत का मून मिशन अब सफल हो चुका है. चंद्रयान-3 का लैंडर विक्रम चांद की धरती के दक्षिणी हिस्से पर एक दिन पहले अपनी सफल लैंडिंग कर इतिहास में नाम दर्ज करा चुका है. विक्रम के पेट से निकले प्रज्ञान रोवर ने चांद की धरती पर पहिए घुमाकर भारत का राजचिह्न अशोक स्तंभ भी वहां प्रिंट कर दिया है. इसके बावजूद भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO के वैज्ञानिक अब भी विक्रम की लैंडिंग के आखिरी चरण पर रिसर्च में जुटे हुए हैं. उनका मकसद लैंडिंग के हर उस पहलू को गहराई से जानना है, जो आगे लैंडिंग के इस आखिरी चरण को '20 मिनट्स ऑफ टैरर' कहने के लिए मजबूर ना करे यानी आगे चांद पर भेजा जाने वाला हर लैंडर 100 फीसदी सुरक्षित तरीके से लैंडिंग करने में सफल हो. इसी रिसर्च के दौरान वैज्ञानिकों को लैंडर विक्रम ने चांद की सतह पर उतरने से ठीक पहले का वीडियो भेजा है, जिसे देखकर आसानी से समझा जा सकता है कि लैंडिंग को 'टैरर' क्यों कहा जाता है? ISRO ने अब यह वीडियो अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट कर दिया है ताकि हर कोई समझ सके कि जब लैंडर अपने कंधों पर 1.4 अरब भारतीयों की उम्मीदों का बोझ लेकर चांद की धरती से महज कुछ इंच दूर था तो उसे चंदामामा कैसा दिखाई दे रहा था.
लैंडर के हाई-रिजोल्यूशन कैमरा ने क्लिक किया है वीडियो
इसरो चांद पर लैंडिंग के ऐतिहासिक पलों को लगातार सोशल मीडिया के जरिये सभी के साथ साझा कर रहा है. इसी क्रम में गुरुवार को इसरो ने X पर अपने ऑफिशियल हैंडल के जरिये एक वीडियो शेयर किया है. यह वीडियो लैंडिंग से ठीक पहले चांद की झलक दिखा रहा है, जिसे लैंडर विक्रम में लगे हाई-रिजोल्यूशन वाले इमेजर कैमरा से रिकॉर्ड किया गया है. विक्रम ने लैंडिंग के बाद ये वीडियो धरती से कम्युनिकेशन लिंक बनाने के बाद भेजा है. इसरो ने यह वीडियो पोस्ट करते हुए कैप्शन में लिखा है, यहां जानिए लैंडर के इमेजर कैमरे ने टचडाउन से ठीक पहले चंद्रमा की तस्वीर कैसे खींची थी.
क्या दिख रहा है वीडियो में
वीडियो में चांद की सतह का अनूठा नजारा दिख रहा है. लैंडर के इमेजर कैमरे से नीचे चांद की सतह पर गहरे और छोटे, हर तरह के क्रेटर दिखाई दे रहे हैं. चांद की सतह गहरे ग्रे रंग की नजर आ रही है मानो धरती पर किसी तरह की राख बिछी हुई है. चांद की सतह पर एस्टेरॉयड्स की चट्टानी बारिश के कारण बनने वाले निशान भी साफ दिख रहे हैं. करीब 2 मिनट के वीडियो के आखिरी कुछ सेकेंड में वह नजारा भी साफ दिख रहा है, जिसमें लैंडर विक्रम धीरे-धीरे अपनी गति घटाते हुए चांद की सतह (Lunar Surface) पर इतिहास बनाने के लिए पैर जमाने की तरफ बढ़ रहा था.
दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बना है भारत
चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम की सफल लैंडिंग के बाद भारत चांद की सतह छूने वाला दुनिया का महज चौथा देश बन गया है. भारत से पहले अमेरिका, चीन और रूस ही चांद पर अंतरिक्ष यान उतार सके हैं. हालांकि भारत ने अपने कारनामे में इन देशों को भी पीछे छोड़ दिया है. भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है.
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