Chandrayaan-3 को लेकर आया बड़ा अपडेट, प्रज्ञान रोवर ने खोज लिया चांद पर ये खजाना

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Aug 29, 2023, 10:07 PM IST

Pragyan Rover

Chandrayaan 3 Updates: भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के वैज्ञानिकों ने बताया है कि हाइड्रोजन खोजते समय रोवर में लगे एक पेलोड को सल्फर और ऑक्सीजन की मौजूदगी के संकेत मिले हैं. कई अन्य धातु और गैस खोजने में भी सफलता मिली है.

डीएनए हिंदी: ISRO Moon Mission Latest News- भारत की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 लैंड कराने के परिणाम मिलने लगे हैं. चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम के साथ भेजे गए रोवर प्रज्ञान ने चांद की सतह पर कई धातुओं और गैसों की मौजूदगी की पुष्टि की है. इसमें सबसे खास बात चांद की सतह पर ऑक्सीजन की मौजूदगी के संकेत मिलना है, जो अब तक वहां गायब मानी जा रही थी. इसके अलावा हाइड्रोजन की खोज करते समय चांद पर सल्फर भी मिल गई है. वैज्ञानिकों को अब चांद की सतह पर हाइड्रोजन की मौजूदगी होने की भी आस बंध गई है. यदि यह उम्मीद पूरी होती है, तो चांद पर इंसानी बस्ती बसाने का सपना पूरा होने के आसार बढ़ जाएंगे.

इसरो ने दी है ये जानकारी

ISRO ने मंगलवार को बताया कि इन-सीटू (यथास्थान) वैज्ञानिक प्रयोग जारी हैं. पहली बार इन-सीटू मेजरमेंट्स के जरिये रोवर पर लगे लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (LIBS) चांद पर सल्फर (S) की उपस्थिति की पुष्टि की है. दक्षिणी ध्रुव के पास सल्फर की मौजूदगी के स्पष्ट संकेत मिले हैं. इसके अलावा जैसा अपेक्षित था रोवर को O की उपस्थिति का भी पता चला है. रोवर को दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्रमा की सतह में एल्युमीनियम (Al), कैलिशियम (Ca), आयरन (Fe), क्रोमियम (Cr), टाइटैनियम (Ti), मैंगनीज (Mn) और सिलिकॉन (Si) की भी मौजूदगी मिली है. हाइड्रोजन (H) की तलाश जारी है. इसरो ने बताया है कि LIBS नामक यह पेलोड बेंगलुरु स्थित इसरो की प्रयोगशाला इलेक्ट्रो-ऑप्टिक्स सिस्टम्स (एलईओएस) में विकसित किया गया है.

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इस तरह काम करता है LIBS

इसरो ने बताया है कि LIBS तकनीक तीव्र लेजर पल्स के जरिये किसी भी मैटीरियल की संरचना का एनालिसिस करती है. इसमें हाई एनर्जी लेजर पल्स को चट्टान या मिट्टी की सतह पर फोकस किया जाता है. लेजर पल्स के कारण बेहद गर्म प्लाज्मा पैदा होता है. इस प्लाज्मा का एनालिसिस कर मैटीरियल हाई एनर्जी लेजर पल्स केंद्रित होती हैं. लेजर पल्स के कारण एक अत्यंत गर्म और स्थानीय प्लाज्मा उत्पन्न होता है. इसी के विश्लेषण से मैटेरियल की मौलिक संरचना जैसी जानकारी तय की जाती है.

लगातार अपडेट दे रहा है इसरो

इसरो चंद्रयान-3 के रोवर के बारे में लगातार अपडेट दे रहा है. इससे पहले मंगलवार सुबह भी इसरो ने एक ट्वीट किया था, जिसमें प्रज्ञान रोवर की तरफ से पृथ्वीवासियों के संदेश था. इसमें लिखा था, नमस्कार पृथ्वीवासियो! मैं #Chandrayaan3 का प्रज्ञान रोवर हूं. मैं आशा करता हूं कि आप लोग बहुत अच्छे होंगे. आप सभी को यह बताना चाहता हूं कि मैं चंद्रमा के रहस्यों को उजागर करने के रास्ते पर हूं. मैं और मेरा दोस्त विक्रम लैंडर एक-दूसरे के संपर्क में हैं. हम ठीक ढंग से काम कर रहे हैं. हमारा बेस्ट जल्द ही आने वाला है.

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सोमवार को इसरो ने दी थी चांद के क्रेटर की जानकारी

इसरो ने सोमवार को भी एक ट्वीट में जानकारी दी थी कि चांद की सतह पर प्रज्ञान रोवर के रास्ते में एक क्रेटर (गड्ढा) आ गया है, जिसका व्यास करीब 4 मीटर है. रोवर 27 अगस्त को गड्ढे से करीब 3 मीटर पहले तक पहुंच गया था. इसके बाद उसे पीछे जाने का निर्देश दिया गया. अब रोवर सुरक्षित रूप से नए रूट पर आगे बढ़ रहा है.

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