Chandrayaan-3 Latest News: मिट सकता है चांद पर विक्रम लैंडर का नामोनिशान, जानिए क्या है कारण

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Oct 21, 2023, 06:20 PM IST

Chandrayaan-3 Mission

Chandrayaan-3 Latest Updates: इसरो ने 23 अगस्त को चंद्रयान के लैंडर विक्रम को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतारकर इतिहास रचा था. अब विक्रम और उसका रोवर प्रज्ञान हमेशा के लिए सो चुके हैं.

डीएनए हिंदी: ISRO Chandrayaan-3 Mission Updates- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वैज्ञानिकों ने चिंता जताई है कि चांद की सतह पर सो रहे चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर का हमेशा के लिए नामोनिशान मिट सकता है. इसके लिए वैज्ञानिकों ने चांद की सतह पर अंतरिक्ष से आने वाले खतरों को कारण बताया है. बता दें चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम ने 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कर हमेशा के लिए इतिहास रच दिया था. भारत चांद के इस हिस्से में पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया था. इसके बाद विक्रम और उसके रोवर प्रज्ञान ने चांद की सतह पर कई अहम टेस्ट भी किए थे, जिनसे बहुत खास जानकारियां मिली हैं. अब ये दोनों बैटरी खत्म होने के कारण हमेशा के लिए चांद की गोद में सो चुके हैं, लेकिन माना जा रहा था कि जब कभी फिर से कोई इंसान चांद की सतह पर उतरेगा तो ये दोनों उसका वहां स्वागत करते हुए मिलेंगे. इसरो के वैज्ञानिकों की तरफ से दिए गए ताजा अपडेट के बाद अब यह बात मुश्किल लग रही है.

क्या बताया है इसरो के वैज्ञानिकों ने

मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ नेचुरल साइंसेज के प्रोफेसर डॉ. पी. श्रीकुमार के मुताबिक, चंद्रमा की सतह से लगातार छोटे-छोटे एस्टेरॉयड्स का टकराना सामान्य प्रक्रिया है. यह विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर के लिए बड़ी खगोलीय चुनौती है. इसके अलावा विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर  को चंद्रमा के धूल कणों से भी खतरा है. सबसे बड़ा खतरा सोलर रेडिएशन है, जिसकी चपेट में चांद आता ही रहता है.

चांद पर प्रज्ञान रोवर ने की थी ये खास खोज

प्रज्ञान रोवर को चांद की सतह के परीक्षण के लिए भेजा गया था. इसके लिए उसके अंदर खास तरह के उपकरण लगाए गए थे. प्रज्ञान में अल्फा पार्टिकल एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (APXS) और लेजर-इंडस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (LIBS) लगा हुआ है. इन उपकरणों ने चांद की सतह पर कई केमिकल रिसर्च की थी, जिनसे बहुत ही अहम जानकारियों मिली हैं. प्रज्ञान रोवर की चांद पर सबसे बड़ी खोज वहां की मिट्टी में सल्फर कणों की मौजूदगी को माना जा रहा है. इसके अलावा प्रज्ञान ने सिलिकॉन, कैल्शियम, आयरन, क्रोमियम, टाइटेनियम, मैगनींज, एल्युमीनियम और ऑक्सीजन की भी चांद पर मौजूदगी की पुष्टि की है.

चांद की सतह पर भूकंप को भी आंका था प्रज्ञान ने

प्रज्ञान में चांद की सतह पर आने वाले भूकंप मापने के लिए भी उपकरण लगाए गए थे. इनसे भी चांद के भूगर्भ में होने वाली हलचल की अहम जानकारी मिली है. प्रज्ञान से मिली जानकारियों की बदौलत वैज्ञानिकों को चांद की सतह और वहां की जियोलॉजिकल एक्टिविटीज को समझने में बेहद मदद मिली है.

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