प्रज्ञान रोवर की क्या है खासियत, अगले 14 दिनों तक क्या करेगा विक्रम लैंडर?

डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated:Aug 24, 2023, 01:31 PM IST

ISRO का मिशन चंद्रयान-3 सफल हो गया है.

चंद्रयान-3 ISRO के सबसे सफल मिशन में से एक है. प्रोपल्शन मॉड्यूल, अपने ऑर्बिट में स्थापित है, विक्रम लैंडर, चांद पर है. अब चांद की अनसुलझी गुत्थियों को सुलझाने की कोशिश यह यान करेगा.

डीएनए हिंदी: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (ISRO) का चंद्रयान-3, चंद्रमा पर पहुंच चुका है. रोवर प्रज्ञान, चांद पर भारत के विजय गाथा के निशान छोड़ रहा है. इसरो का लोगो और राष्ट्रीय स्तंभ, दोनों के निशान, अब चांद पर बन चुके हैं. चंद्रयान-3 के लिए अब अगले 14 दिन बेहद अहम साबित होने वाले हैं. अगले 14 दिनों में चंद्रमा की सतह पर प्रज्ञान रोवर और विक्रम लैंडर कई रहस्य खोलेंगे.

एक चंद्र दिवस के दौरान चंद्रमा की सतह का विश्लेषण यह यान करेगा. चांद पर जुटाए गए आंकड़ों और सैंपल का विश्लेषण किया जाएगा. विक्रम लैंडर में लगे तीन पेलोड चांद पर भूकंप की स्थिति, सतह और मिट्टी के गुणों की जांच करेंगे, जिससे अनसुलझी चीजें, सुलझाई जा सकें.

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क्या होगा प्रज्ञान रोवर का काम?
प्रज्ञान रोवल रसायनों की मात्रा का अध्ययन करेगा. इसके दो पेलोड डेटा जुटाएंगे और विक्रम लैंडर को भेजेंगे. चंद्रयान-3 का प्रोपल्शन मॉड्यूल, प्रज्ञान और विक्रम लैंडर के सिग्नल डिकोड करेंगे. पेलोड ही जांच करके बताएगा कि चंद्रमा की सतह, मानव जीवन के अनुकूल है या नहीं.

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क्यों अगले 14 दिन हैं बेहद अहम?
अगले 14 दिन, चंद्रमा पर धूप होने वाली है. प्रज्ञान रोवर, चांद की सहत पर डेटा तलाश रहा है. इसका काम भी 14 दिनों में पूरा हो जाएगा. चंद्रमा के कई अनसुलझे राज सुलझ सकते हैं. धूप में प्रज्ञान रोवर चार्ज होता रहेगा. 14 दिन बाद साउथ पोल पर अंधेरा हो जाएगा. इसके पेलोड्स भी विश्लेषण करेंगे.

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