Raj Thackeray के राजनीतिक तेवरों में बदलाव, हिंदुत्व के मुद्दे पर करेंगे शिवसेना का मुकाबला

कृष्णा बाजपेई | Updated:Apr 23, 2022, 07:47 AM IST

मराठी अस्मिता के नाम पर यूपी बिहार के लोगों का महाराष्ट्र जाने पर विरोध करने वाले राज ठाकरे ने अब अपनी राजनीति में बड़ा यू-टर्न लिया है.

डीएनए हिंदी: महाराष्ट्र की राजनीति में एक बड़े बदलावों की आहट सुनाई दे रही है. शिवसेना (Shivsena) ने  राज्य में सत्ता के लिए कांग्रेस और एनसीपी (Congress-NCP) के साथ जो गठबंधन किया था उससे निश्चित तौर पर पार्टी की हिंदुत्ववादी छवि को नुकसान हो सकता है जिसके चलते बीजेपी (BJP) लगताार शिवसेना पर हमलावर है. वहीं इस समय सबसे अधिक चर्चा का विषय महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे (Raj Thackeray) बने हुए हैं जिन्होंने शिवसेना के जनाधार को साधने के लिए अपनी राजनीति में एक बड़ा बदलाव किया है. 

राज ठाकरे ने उठाया बड़ा मुद्दा

पिछले कुछ दिनों से राज ठाकरे हिंदुत्व के मुद्दे पर मुखर होकर बोल रहे हैं और खास बात यह है कि बीजेपी भी उनका पूरा समर्थन कर रही है. राज ठाकरे  हाल ही में रिलीज हुई फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' (The Kashmir Files) का जिक्र करते हुए कश्मीरी पंडितों के साथ हुए अत्याचार की बात कही. फिर अजान और लाउडस्पीकर का मुद्दा उठा लिया. राज ठाकरे का कहना है कि लाउडस्पीकर से अजान के चलते अन्य धर्म के लोगों को परेशानी होती है इसलिए ऐसा नहीं होना चाहिए. 

राज ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार और सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को तीन मई का अल्टीमेटन दे रखा है कि यदि 3 मई के बाद लाउडस्पीकर पर अजान की आवाज नहीं रोकी गई तो वो फिर राज्य में बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे. इतना ही नहीं एमएनएस समर्थक लगातार अजान के वक्त लाउडस्पीकर पर ही हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे हैं.  यह मुद्दा महाराष्ट्र के अलावा मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश समेत दिल्ली तक पहुंच गया है और इसके पीछे राज ठाकरे द्वारा अपनी अपनी राजनीति में किए गए बड़े बदलाव माने जा रहे हैं.

कैसे बदली राजनीति 

राज ठाकरे की राजनीति मराठी मानुष के मुद्दे पर होती थी. उन्होंने मराठी अस्मिता के चलते उत्तर प्रदेश और बिहार के प्रवासियों कों भी खूब परेशान किया था. एमएनएस कार्यकर्ताओं द्वारा यूपी बिहार के लोगों पर हुए हमले से एक समय अखबार पटे रहते थे लेकिन राज ठाकरे को इसका कोई खास लाभ नहीं हुआ. ऐसे में अब राज ठाकरे भी समझ गए हैं कि वो मराठी मानुष के दम पर ही राजनीति नहीं कर सकते जिसके चलते अब उनके कोर एजेंडे में हिंदुत्व है. 

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अयोध्या जाएंगे राज ठाकरे 

हिंदुत्व के इसी मुद्दे को लेकर अब राज ठाकरे अयोध्या रामजन्मभूमि जा रहे हैं. राज ठाकरे 5 जून को अयोध्या जा रहे हैं जिसमें उनके साथ 10 हजार मनसे कार्यकर्ता भी महाराष्ट्र के विभिन्न शहरों से अयोध्या पहुंचेगे. जिनके लिए विशेष ट्रेनों में बुकिंग की जा रही है. वहीं महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने भी रामजन्मभूमि में दर्शन का कार्यक्रम बना लिया है वो वहां जाकर पूजा अर्चना करेगें.  

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खास बात यह है कि इस मुद्दे पर बीजेपी भी पीछे से राज ठाकरे का साथ देती दिख रही है क्योंकि पार्टी का टारगेट राज्य में शिवसेना को फर्श पर लाना है और जल्द ही मुंबई में बीएमसी चुनाव (BMC Elections 2022) होने हैं. ऐसे में शिवसेना के खिलाफ राज ठाकरे का यह विद्रोह बीजेपी के लिए फायदे कारण बन सकता है. वहीं राज ठाकरे अपने यूपी दौरे से महाराष्ट्र में रह रहे यूपी बिहार के नाराज लोगों को साधने की कोशिश कर रहे हैं. संभवतः यही मुख्य कारण है कि शिवसेना को टक्कर देने के लिए उन्होंने हिंदुत्व का मुद्दा उठाया है.

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