डीएनए हिंदी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) शनिवार को नामीबिया से लाए गए 8 चीतों को 'प्रोजेक्ट चीता' के तहत मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ेंगे. लेकिन इससे एक दिन पहले इसको लेकर 'क्रेडिट वार' शुरू हो गया है. कांग्रेस ने शुक्रवार को दावा किया कि 'प्रोजेक्ट चीता' के प्रस्ताव को मनमोहन सिंह सरकार में मंजूरी दी गई थी.
कांग्रेस ने कहा कि 14 साल पहले 2008-09 इस प्रस्ताव को लाया गया था लेकिन सुप्रीम कोर्ट की रोक की वजह से अब इसे पूरा किया जा रहा है. कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया है. जिसमें तत्कालीन वन और पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश की फोटो शेयर की गई है.
ये भी पढ़ें- PM Narendra Modi के जन्मदिन पर मिलेंगे सोने के सिक्के, जानिए कहां और कैसे
2013 में सुप्रीम कोर्ट में लगाई थी रोक
कांग्रेस ने ट्वीट में लिखा, 'प्रोजेक्ट चीता' का प्रस्ताव 2008-09 में तैयार हुआ.मनमोहन सिंह की सरकार ने इसे स्वीकृति दी. अप्रैल 2010 में तत्कालीन वन एवं पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने अफ्रीका के चीता आउट रीच सेंटर गए. 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने प्रोजेक्ट पर रोक लगाई. इसके बाद 2020 में रोक हटी. अब चीते आएंगे.'
ये भी पढ़ें- संन्यास की राह से सत्ता तक, कुछ ऐसा रहा है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सफर
कूनो नेशनल पार्क में छोड़े जाएंगे 8 चीते
बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के जन्मदिन को मौके पर शनिवार यानी 17 सितंबर को मध्य प्रदेश के श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में 8 चीतों को छोड़ा जाएगा. इन चीतों को नामीबिया से मंगाया गया है. इनमें पांच नर और तीन मादा हैं. इनकी उम्र चार से छह साल के बीच है. करीब 70 साल बाद ऐसा होगा जब भारत में चीता देखने को मिलेंगे. इन्हें क्वॉरेंटाइन पिंजरों में 30 दिनों के लिए अलग-अलग रखा जाएगा. गौरतलब है कि भारत सरकार ने 1952 में चीतों को विलुप्त घोषित मान लिया था. भारत सरकार ने इसी साल 20 जुलाई को चीता रीइंट्रोडक्शन प्रोग्राम के तहत नामीबिया के साथ आठ चीते लाने को लेकर करार किया था.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.