डीएनए हिंदी: Murder On Train- चलती ट्रेन में 4 लोगों की हत्या करने के आरोपी आरपीएफ कॉन्सटेबल चेतन सिंह का उसके परिवार ने बचाव करने की कोशिश की है. मथुरा में रहने वाले चेतन सिंह के परिवार का कहना है कि उसके दिमाग में खून का थक्का (Blood Clot) होने की जानकारी मिली थी. इसके बाद से ही चेतन बेहद तनाव में चल रहा था और बेहद दबाव में भी था. बता दें कि चेतन सिंह की एस्कॉर्ट ड्यूटी जयपुर-मुंबई सेंट्रल एक्सप्रेस में लगी हुई थी. इस ट्रेन की सुरक्षा की जिम्मेदारी उस पर थी, लेकिन उसने ट्रेन के महाराष्ट्र के पालघर के करीब पहुंचने पर किसी बात से नाराज होकर गोलियां बरसानी शुरू कर दी, जिसमें उसके इंचार्ज एएसआई टीकाराम मीणा समेत 4 लोगों की मौत हो गई. यह घटना सोमवार को हुई थी.
रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (Railway Protection Force) का कॉन्सटेबल चेतन सिंह फिलहाल राजकीय रेलवे पुलिस (Government Railway Police) की हिरासत में है. इस घटना के बाद राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है. विपक्षी दलों ने इसे भाजपा की तरफ से फैलाई जा रही घृणा के रिजल्ट के तौर पर सामने आया 'हेट क्राइम' बताया है.
'लंबे समय से बीमार है चेतन'
India Today की रिपोर्ट में चेतन के परिवार के हवाले से उसे बीमारी के कारण तनाव और दबाव में बताया गया है. चेतन की भाभी ने कहा, लंबे समय से उसका स्वास्थ्य खराब चल रहा है. उसका इलाज चल रहा है और वह दवाइयां ले रहा है. उसके दिमाग में खून का थक्का होने की जानकारी डॉक्टरों ने दी है.
'कभी गुस्सा नहीं करता चेतन'
जब चेतन की भाभी से उसके गुस्से के बारे में पूछा गया तो उन्होंने यह बात खारिज कर दी. उन्होंने कहा, उसके साथ जल्द गुस्सा हो जाने जैसी कोई समस्या नहीं है बल्कि वह लगातार तनाव और दबाव में चल रहा था. वह परिवार से दूर रह रहा था और हमारे पास यह जानने का कोई तरीका नहीं है कि वह अपनी दवाइयां समय पर ले रहा था या नहीं.
पिता की जगह मिली थी RPF में नौकरी
चेतन के पिता भी रेलवे में थे. उनके निधन के बाद चेतन को उनकी जगह मृतक आश्रित कोटे में रेलवे सुरक्षा बल (RPF) में कॉन्सटेबल पद पर नौकरी मिली थी. उसका भाई लोकेश मथुरा में ट्रक ड्राइवर है. इस साल अप्रैल तक चेतन भी अपने भाई के साथ एक ही घर में रहता था. उसके परिवार के दो सदस्यों ने बताया कि चेतन का अपने परिवार और बच्चों के साथ बहुत अच्छा रिश्ता था. उन्होंने साथ ही कहा, चेतन सिंह का कभी किसी के साथ विवाद नहीं हुआ. वह अपने पिता के निधन के बाद पिछले 14 साल से रेलवे में नौकरी कर रहा था. इस दौरान उसका अपने किसी सहयोगी के साथ भी कभी विवाद नहीं हुआ.
ट्रेन पर मौजूद चेतन के साथी ने क्या बताया?
33 साल के चेतन के साथ ही जयपुर-मुंबई सेंट्रल एक्सप्रेस ट्रेन में सुरक्षा ड्यूटी पर RPF कॉन्सटेबल घनश्याम आचार्य भी था. उसके मुताबिक, चेतन ने कहा था कि उसकी तबीयत सही नहीं है और वह किसी दूसरे कोच में जाकर किसी खाली बर्थ पर लेटने गया था. हालांकि उससे इंचार्ज ने अपनी ड्यूटी पूरी करने और उसके बाद इलाज कराने के लिए कहा था, लेकिन उसने यह बात खारिज कर दी थी.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.