डीएनए हिंदी: जिनेवा (Geneva) में यूनाइटेड नेशन ह्यूमन राइट काउंसिल (UNHC) के 49वें सत्र के दौरान कश्मीर (Kashmir) के चर्चित मानवाधिकार (Human Rights) कार्यकर्ता जुनैद कुरैशी (Junaid Qureshi) ने अक्साई चिन का मुद्दा उठाया है.
जुनैद कुरैशी ने कहा है अक्साई चिन पर चीन का अवैध कब्जा है. जुनैद कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र से कहा कि अक्साई चिन (Aksai Chin) के बड़े हिस्स पर चीन ने अवैध कब्जा किया है. चीन के इस एक्ट को अब औपचारिक रूप से चीन के कब्जे वाला जम्मू और कश्मीर (CoK) की मान्यता मिलनी चाहिए.
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अक्साई चिन के कब्जे की अनदेखी कर रहा है संयुक्त राष्ट्र
चर्चा के दौरान जुनैद कुरैशी ने कहा कि मैं अपने पूर्वजों की भूमि जम्मू और कश्मीर के मुद्दे पर परिषद का ध्यान खींचना चाहता हूं जिस पर कई सालों से परिषद में बहस होती आई है. उन्होंने कहा, 'अक्साई चिन जम्मू और कश्मीर के 20 प्रतिशत से अधिक क्षेत्र में फैला है, जो आकार में भूटान के लगभग बराबर है. संयुक्त राष्ट्र और उसके अलग-अलग अंग जैसे मानवाधिकार परिषद ने अक्साई चिन पर चीन के अवैध कब्जे की अनदेखी की है.
चीन ने जताया कड़ा ऐतराज
संयुक्त राष्ट्र में जुनैद कुरैशी के तर्कों को सुनने के बाद चीन के कड़ा ऐतराज जताया है. चीन ने कहा है कि जुनैत कुरैशी ने जो बयान दिया है वह चीन की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के खिलाफ है जो संयुक्त राष्ट्र के चार्टर का उल्लंघन है. चीन अनुरोध करता है कि जुनैद की मांग पर ध्यान न दिया जाए.
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कौन हैं जुनैद कुरैशी?
श्रीनगर के जुनैद कुरैशी ब्रसेल्स स्थित यूरोपीय फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज (EFSAS) के निदेशक हैं. वह कश्मीरी मानवाधिकारों पर बात करते हैं. साल 1950 के दशक में चीन ने अक्साई चिन के करीब 38,000 वर्ग किमी क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था. अक्साई चिन का मुद्दा भारत और चीन के बीच एक अरसे से चला आ रहा है. चीन इसे अपना हिस्सा बताता है वहीं भारत चीन की इस मांग का खंडन करता है.
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