मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंजिल मगर, लोग साथ आते गए कारवां बनता गया... लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के Chirag Paswan के लिए ये लाइन बिलकुल सटीक बैठती है.
18वीं लोकसभा चुनाव में बिहार के दो नेताओं का नाम सबसे ज्यादा जो चर्चा में रहा एक हैं तेजस्वी यादव और दूसरे हैं चिराग पासवान.
Chirag Paswan एक ऐसे नेता के रूप में उभरे हैं जिसे जितना काम दिया गया उन्होंने उसे 100 नंबर से ज्यादा नंबर लाकर खुद को साबित कर दिया है.
महज तीन महीनों में उनका दमदामाता चेहरा गेहुंआ हो गया है. पिछले चार महीने की थकान अभी पूरी तरह से उतर भी नहीं पाई है कि कैबिनेट में कौन सा मंत्रीपद और बिहार विधानसभा को लेकर उधेर बुन शुरू हो चुकी है. इसी बीच पिता रामबिलास का साया सिर से उठने के बाद बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. चिराग मुस्कुराते हुए कहते हैं, 'जिंदगी का नाम ही रोलर कोस्टर है.'
चिराग कहते हैं या तो मैं मेरे साथ ही क्यों कर के अफसोस में बैठा रहता या फिर आगे बढ़कर कमान संभालता, तो मैंने आगे बढ़ कर कमान संभाला और आज मैं यहां हूं.
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'हाजीपुर किंडर गार्डन की तरह है'
डीएनए हिंदी से विशेष बातचीत में चिराग कहते हैं,' हाजीपुर मेरे लिए सिर्फ एक लोकसभा क्षेत्र भर नहीं है, उसका अलग महत्व है मेरे जीवन में.' 'मेरे पापा हाजीपुर को अपनी मां कहते थे, क्षेत्र के विकास को लेकर मेरी एक प्लानिंग है. मैं लंबी लकीर खींचना चाहता हूं.'
चिराग कहते हैं पापा भले ही मेरे साथ नहीं है लेकिन मुझे ऐसा हमेशा आभास होता है कि वो मेरे साथ है. 'हाजीपुर किंडर गार्डन की तरह है.'
Narendra Modi 3.0 तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले रहे हैं. 2014 के चुनाव में जब नरेंद्र मोदी को पीएम फेस के साथ लांच किया गया था उन दिनों को याद कर के चिराग कहते हैं कि मैं पापा से बात कर के UPA से NDA में आया था. अब मैं तीनबार का सांसद हूं. मैंने 'बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट' को लेकर एक रोडमैप तैयार किया है. पीएम मोदी ने जब सदन में बैठक के दौरान मुझे 'बेटा' कहा और उनके 'हनुमान' कहे जाने को लेकर भी उनकी खूब खिंचाई की गई, मजाक उड़ाया गया लेकिन अब जब बिहार में 100 फीसदी नंबर के साथ अकेले पास होकर चिराग आ चुके हैं और पांचों की पांचों सीट पर उनकी पार्टी ने जीत हासिल की है तो वो कह रहे हैं..बस चलते जाना है साबित अपने आप समय कर देता है. वह कहते हैं,' उतार चढ़ाव जीवन में आते रहते हैं या तो रो लें या फिर काम करते हुए आगे बढ़ें..मैंने बढ़ने को चुना और हेयर आईएम.'
जो भी पद मिलेगा मंजूर होगा: Chirag Paswan
मंत्री पद के लिए शपथ लेने से पहले लोजपा आर के अध्यक्ष चिराग पासवान ने डीएनए हिंदी से विशेष बातचीत में बताया कि उन्हें मंत्रिमंडल में जो भी पद दिया जाएगा मंजूर होगा. पासवान ने कहा, 'न तो पहले मेरी कोई मांग थी और न मैं अब कुछ पीएम मोदी से मांग रहा हूं. जिस तरह से पीएम मोदी ने मुझे बेटा कहा है और समय समय पर मेरी वो हौसला अफजाई करते हैं वही मेरे लिए बहुत बड़ा आशीर्वाद है. इसके बाद मैं कोई और इच्छा नहीं रखता हूं.'
चिराग कहते हैं, 'मेरे लिये मेरे पीएम मोदी जी का प्यार स्नेह काफी है. एनडीए का हर एक लीडर मोदी जी के साथ है और मजबूती से हम सब तीसरी बार सरकार बनाएंगे और 5 साल तक सरकार चलाएंगे.'
चिराग बिहार चुनाव के दौरान पीएम मोदी से हुई मुलाकात को याद करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा मेरा हौसला बढ़ाया है. मैंने और मेरी पार्टी ने चुनाव के दौरान काफी मेहनत की है और अब वो मेहनत रंग ला रही है. जहां तक बिहार विधानसभा चुनाव की बात है तो वह कहते हैं कि जिस तरह हम लोकसभा चुनाव में साथ थे वैसे ही विधानसभा चुनाव में भी साथ होंगे.
तो क्या हम बिहार के भावी सीएम से मैं बात कर रही हूं, इसपर मुंह झुका कर वो बोले पार्टी का जो निर्णय होगा वह सहस्र स्वीकार होगा. मेरी बिहार को लेकर खास तरह की तैयारी है. मैंने बिहार के हर एक मुद्दे को लेकर तैयारी कर रखी है चाहें बात वहां के विकास की हो, बेरोजगारी की, पलायन को रोकने की या फिर खेती, किसानी, शिक्षा की. जब हम मिशन के साथ काम करेंगे तो बिहार जरूर आगे बढ़ेगा.
हमेशा चेहरे पर मुस्कान लिए चिराग बड़ी बेबाकी से डीएनए के हर एक सवाल का जवाब दे रहे थे. चुनाव की राजनीतिक सरगर्मी के बीच चिराग पासवान की मां के खिलाफ भी काफी कुछ कहा गया इसपर उन्होंने कहा कि यह संस्कार की बात होती है. किसी भी बात को बिना गाली गलौच और अपशब्द के भी कहा जा सकता है. वह कहते हैं, 'जब भी किसी की मां को कुछ बोला जाएगा तो खून तो खौलेगा ही. लेकिन मेरी मां के खिलाफ बोले जाने के बाद भी मैंने बहुत ही संयमित तरीके से जवाब दिया था.'
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विरोध के स्वर
जब लोकसभा सीटों के लिए पार्टी सीटों का बंटवारा कर रही थी तब चिराग को अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं का भारी विरोध सहना पड़ा था. चिराग कहते हैं, 'जब आप आईना देखते हैं और आईने में सवाल कर के जवाब दे पाते हैं तो आप सही जा रहे हैं.' अपने सीने पर हाथ रखकर चिराग कहते हैं हर इंसान को यहां से पता होता है कि वो सही है या गलत है. अगर आपको विश्वास है कि आप सही हैं ईमानदार हैं और बिना किसी लालच और प्रलोभन के जिस सोच के साथ आए हैं और उसी के साथ आगे बढ़ रहे हैं तो मुझे नहीं लगता है कि दुनिया की कोई भी ताकत आपको आपके डगर से हिला सकती है.'
'पहली बार नहीं हुआ है मेरा विरोध. 2019 में भी मेरा विरोध हुआ था, मैं उन्हें भी गलत नहीं मानता हूं.' वह आगे कहते हैं कि महत्वकांक्षाएं होती हैं लोगों की और वो इसी के साथ पार्टी से जुड़ता है और हर किसी को चुनाव लड़ना होता है. हर कार्यकर्ता चाहता है कि वो चुनाव लड़े और जब ये आकांक्षा पूरी नहीं होती तो वो आक्रोश में बदल जाता है.'
पार्टी के हर एक कार्यकर्ता का विरोध सिर आंखों पर. बिहार के उभर चुके दलित नेता चिराग कहते हैं कि मेरी भी सीमाएं हैं ये हर किसी को समझना होगा. 'मैं सिर्फ पांच सीटों पर चुनाव लड़ रहा हूं और टिकट मांगने वाले 500 लोग हैं तो ऐसे में सभी को इसमें समाहित नहीं कर सकता हूं. मेरी अपनी भी एक सोच है.
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