'पहले सीख लीजिए, संविधान पीठ के केस क्या होते हैं' CJI ने वकील को क्यों लगाई ऐसी फटकार

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: Sep 15, 2023, 06:19 PM IST

Supreme Court News: वकील ने ईमेल भेजकर सुप्रीम कोर्ट में संविधान पीठ से जुड़े मामलों की सुनवाई पर आपत्ति जताई थी. इसे लेकर ही चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया चंद्रचूड़ नाराज हो गए थे.

डीएनए हिंदी: Latest News in Hindi- सु्प्रीम कोर्ट में शुक्रवार को चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) की अदालत में उस समय अजब नजारा पैदा हो गया, जब CJI ने एक वकील को जमकर फटकार लगाई. साथ ही CJI ने उसे पहले जाकर यह समझने के लिए कहा कि संविधान पीठ के मामले क्या होते हैं. दरअसल उस वकील ने ईमेल भेजकर सुप्रीम कोर्ट में संविधान पीठ के मामलों की सुनवाई में समय बरबाद होने का मुद्दा उठाया था. इसके बाद ही चीफ जस्टिस ने नाराज होकर उन्हें फटकार लगाई है.

यह हुआ सुनवाई के दौरान

सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को CJI चंद्रचूड़ अपनी अदालत में मामलों की सुनवाई कर रहे थे. इस दौरान एक मामले की सुनवाई के लिए वकील मैथ्यू नेदुम्परा पेश हुए. वकील के पेश होने पर CJI ने उनके सामने कई सवाल उठाए और जमकर फटकार लगाई. CJI ने कहा, आपने सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल को ईमेल भेजकर संविधान पीठ की सुनवाई पर ऐतराज जताया है. आपने कहा है कि संविधान पीठ मामलों की सुनवाई में समय बर्बाद कर रही है, जिससे आम आदमी को प्रभावित करने वाले मामलों की सुनवाई नहीं हो पाती. हमें लग रहा है कि आप संविधान पीठ के मामलों की अहमियत से नावाकिफ हैं. पहले आपको ये जान लेना चाहिए.

संविधान की व्याख्या करती है पीठ

चीफ जस्टिस ने वकील को समझाया कि कोई संविधान पीठ जो मामले सुनती हैं, उनमें संविधान की व्याख्या भी होती है, जिसका असर देश के लाखों लोगों पर पड़ता है. चीफ जस्टिस ने वकील को एक मामले का उदाहरण भी दिया. उन्होंने कहा, हमने परसों यह मामला सुना था कि लाइट मोटर व्हीकल लाइसेंस (LMV License) रखने वाला आदमी क्या भारी परिवहन चला सकता है? इस केस के फैसले का असर 1000 नहीं बल्कि हजारों ड्राइवर पर पड़ेगा. चीफ जस्टिस ने कहा, आपको लगता है कि हम सिर्फ कुछ फैंसी मामले संविधान पीठ में सुनते हैं, जिनका लोगों के जीवन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता. अनुच्छेद 370 मामले में हमने देश के लोगों की बात सुनी, घाटी के लोगों की बात सुनी और साथ ही अनुच्छेद 370 के समर्थन और विरोध वाले विचार सुने हैं.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.