रामनवमी के मौके पर JNU में भिड़ंत, एनएसयूआई और एबीवीपी ने लगाए ये आरोप 

पुष्पेंद्र शर्मा | Updated:Apr 10, 2022, 11:45 PM IST

जेएनयू में मारपीट की घटना सामने आई है.  

एबीवीपी के जेएनयू विंग प्रेसीडेंट रोहित कुमार ने कहा, नॉन-वेज का एंगल नहीं है.

डीएनए हिंदी: रामनवमी के मौके पर दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में हंगामा खड़ा हो गया. यहां अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी), नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) और वाम समर्थित छात्रों के बीच कावेरी हॉस्टल में झड़प हो गई. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने रविवार को जेएनयू परिसर में विरोध प्रदर्शन करते हुए मांग की कि रामनवमी के अवसर पर मैस में मांसाहारी भोजन नहीं बनना चाहिए. एबीवीपी ने एनएसयूआई और वाम समर्थित छात्रों पर रामनवमी पर पूजा करने से रोकने का आरोप लगाया है. 

नॉन-वेज का एंगल नहीं 
एबीवीपी के जेएनयू विंग प्रेसीडेंट रोहित कुमार ने कहा, वामपंथी और एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने रामनवमी के अवसर पर विश्वविद्यालय में पूजा के दौरान हंगामा किया. नॉन-वेज का कोई एंगल नहीं है. उन्हें रामनवमी के अवसर पर कार्यक्रमों से परेशानी होती है. इस बीच दिल्ली पुलिस के अधिकारी स्थिति के बारे में जानकारी का पता लगाने के लिए मौके पर पहुंच गए हैं. पीएचडी की छात्रा और जेएनयूएसयू की पूर्व उपाध्यक्ष सारिका का कहना है कि 50-60 छात्र घायल हुए हैं. 

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जेएनयू की एक छात्रा सारिका ने कहा, सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हुआ कि एबीवीपी के सदस्य परिसर के अंदर मांसाहारी भोजन की अनुमति नहीं दे रहे हैं. मैस आमतौर पर नॉन-वेज तैयार करता है. हालांकि एबीवीपी सदस्यों ने इस भोजन को तैयार नहीं होने दिया. उन्होंने कहा, इसके बाद परिसर के अंदर छात्र संघों के बीच झड़प हो गई. छात्रावास के कई छात्रों को समय पर भोजन नहीं मिला क्योंकि पर्याप्त मात्रा में भोजन नहीं बनाया गया था. 

मांसाहारी भोजन से धार्मिक भावनाएं होंगी आहत 
जेएनयू के एक अन्य छात्र ने कहा, आज शाम करीब 4-5 बजे झड़प हुई. एबीवीपी ने आरोप लगाया कि रामनवमी के अवसर पर मांसाहारी भोजन परोसा जाएगा तो उनकी धार्मिक भावनाएं आहत होंगी. कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए हैं और उन्हें पास के अस्पतालों में भर्ती कर दिया गया है. कुछ छात्र अभी भी परिसर के आसपास विरोध कर रहे हैं. एक हफ्ते पहले दक्षिण दिल्ली के मेयर मुकेश सूर्यन ने कहा कि नवरात्रि के दौरान मांस की दुकानें खोलने की कोई आवश्यकता नहीं है. 

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