डीएनए हिंदी: इस समय पूरा उत्तर भारत भीषण गर्मी की चपेट में है. कुछ ऐसा ही हाल उत्तर प्रदेश का है, जहां लू और बढ़ते पारे ने लोगों को परेशान कर दिया है. बलिया में पिछले दो दिनों में जिला अस्पताल में 34 लोगों की मौत हो गई थी. इस भीषण गर्मी के बीच राज्य में बिजली कटौती भी बढ़ी है. लोग लगातार यूपी के अलग अलग जिलों में बिजली कटौती को लेकर शिकायतें कर रहे हैं और इस दौरान अब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने गुस्सा जाहिर किया है. सीएम योगी प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ऐके शर्मा और सभी जिलों के डीएम को आदेश दिया है कि बिजली आपूर्ति का पूरा ध्यान रखा जाए और इसकी दैनिक मॉनिटरिंग की जाए.
दरअसल, यूपी में अघोषित बिजली कटौती को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नाराजगी जताई है. उन्होंने इस मामले को लेकर ऊर्जा मंत्री एके शर्मा, यूपीपीसीएल के अध्यक्ष एम देवराज और अधिकारियों को तलब किया और सख्त निर्देश दिया कि बिजली सप्लाई पर फीडर वाइज जवाबदेही तय हो.
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बिजली आपूर्ति करो पैसे की नहीं है कोई कमी
सीएम योगी ने कहा है कि प्रदेश में तत्काल विद्युत व्यवस्था को सुधारा जाए. जरूरत पड़े तो अतिरिक्त बिजली की सप्लाई की जाए, पैसों की कमी नहीं है. सीएम ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में कहीं भी बिजली की कमी नहीं होनी चाहिए. अगर जरूरत हो तो आवश्यकतानुसार बिजली खरीदकर जनता को बिजली उपलब्ध कराई जाए.
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हर दिन हो बिजली सप्लाई की मॉनिटरिंग
सीएम ने बिजली आपूर्ति को लेकर अधिकारियों से कहा कि गांव हो या शहर, ट्रांसफार्मर खराब हो तो तत्काल बदलें. उन्होंने निर्देश दिया कि हर दिन हर एक जिले की समीक्षा हो और रोस्टर का कड़ाई से पालन हो. सीएम योगी ने कहा कि हर जिले में कंट्रोल रूम बनाएं और डीएम खुद मॉनीटरिंग करें. भीषण गर्मी के बीच हर गांव-हर शहर को पर्याप्त और निर्बाध बिजली की सप्लाई की जाए.
लागू करें घोषित बिजली आपूर्ति की नीति
अधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बिजली व्यवस्था को लेकर जो नीति घोषित की है, उसे पूरी तत्परता से लागू किया जाए. उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालय पर 24 घंटे, तहसील मुख्यालय पर 22 घंटे और ग्रामीण क्षेत्र में 18 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाए. सीएम ने बिजली विभाग के अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए हैं कि हर एक फॉल्ट को अटेंड करें.
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बिजली की खपत में ऐतिहासिक इजाफा
वहीं बिजली संकट को लेकर ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने ट्वीट कर सफाई दी है. उन्होंने लिखा- पिछले साल जून महीने की बिजली की मांग 26369 MW के मुकाबले इस साल जून में 27610 MW की खपत चल रही है. यह मांग अप्रत्याशित है; ऐतिहासिक रूप से ज्यादा है. पिछले कई वर्षों की अधिकतम मांग से भी ज्यादा इस समय की चल रही न्यूनतम मांग है -18701 MW. ऐसे में सभी विद्युत कर्मियों से अनुरोध है कि जनता को निर्बाध बिजली देने के लिए तत्परता से सेवा में लगे रहें. सबका सहयोग एवं बिजली का संयमपूर्ण उपयोग प्रार्थनीय है.
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मॉनसून ने खोली बिजली विभाग की पोल
बिजली उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने इस संकट पर कहा कि आपूर्ति इतनी ज्यादा है कि सिस्टम ही बाधित हो गया है. जल्द ही यूपी 28 हजार MW की डिमांड को भी पार कर जाएगा. इसके अलावा बिजली चोरी भी इस समस्या की एक वजह है. उन्होंने बताया कि विभाग के अधिकारियों ने हालात को लेकर उदासीनता दिखाई.
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UPPCL अध्यक्ष ने कहा है कि विभाग को लगा कि मॉनसून जल्दी आ जाएगा तो हमें किसी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा लेकिन मॉनसून पिछड़ गया और विभाग की पोल खुल गई. अगर विभाग ने पहले से तैयारी की होती तो यह हालात न होते.
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