इंडिया में सीट शेयरिंग पर बवाल, कांग्रेस के लिए दोहरी चुनौती, क्या टूटेगा गठबंधन?

अभिषेक शुक्ल | Updated:Jan 04, 2024, 09:32 AM IST

मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी. (तस्वीर-ANI)

जिन राज्यों में कांग्रेस का प्रदर्शन ठीक नहीं है, वहां भी कांग्रेस इंडिया गठबंधन के सहयोगियों से पर्याप्त सीटें मांग रही है. क्षेत्रीय दल, इस मांग को लेकर सहमत नहीं हैं.

डीएनए हिंदी: विपक्षी दलों का गठबंधन 'इंडिया' लोकसभा चुनाव 2024 से पहले ही संकट में नजर आ रहा है. न तो इस गठबंधन का नेता कौन होगा यह तय हो पाया है, न ही सहयोगी दलों के बीच सीट शेयरिंग पर फैसला हो पाया है. हर क्षेत्रीय छत्रप खुद को इंडिया गठबंधन का नेता साबित करने पर तुले हैं. ऐसे में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ एकजुट विपक्ष की कवायद कही की जा रही है लेकिन अभी तक जमीनी स्तर पर ऐसा कोई गठजोड़ सामने नहीं आ पा रहा है. वजह सीट शेयरिंग को लेकर असहमति भी है.

लोकसभा चुनाव में अब केवल कुछ महीने बचे हैं लेकिन सीट बंटवारे को लेकर आम सहमति बन ही नहीं पा रही है. कांग्रेस बिहार और उत्तर प्रदेश दोनों में सीट-बंटवारे को लेकर जद्दो-जहद जारी है. कांग्रेस इस उम्मीद है कि उसे सहयोगी पार्टियां सम्मानजनक सीटें देंगी पर ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है. कांग्रेस आलाकमान को सीट शेयरिंग का फॉर्मूला खटक रहा है.

इसे भी पढ़ें- भगवान राम को मांसाहारी बता गया NCP का यह नेता, बयान पर मच गया बवाल

यूपी बिहार में कितनी सीटें मांग रही कांग्रेस?
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस 80 में से 40 लोकसभा सीटों पर दावेदारी ठोक रही है. कांग्रेस यहां सीटों से समझौता नहीं करना चाहती है. लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस यूपी से महज एक सीट जीत पाई थी. राहुल गांधी अपना गढ़ अमेठी संसदीय क्षेत्र हार गए थे, सोनिया गांधी रायबरेली लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस को इकलौती सीट दिलाने में कामयाब हो गई थीं. बिहार में लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं. कांग्रेस इस राज्य में 10 से 12 सीटों पर दावेदारी ठोक रही है.

सधे कदमों में चल रही है कांग्रेस
कांग्रेस पार्टी उन सीटों पर जोर दे रही है, जहां भरोसा है कि मजबूत स्थिति में है. कांग्रेस उन सीटों को छोड़ रही है, जहां वह कमजोर है. यूपी की 40 सीटें कौन सी होंगी, इसे लेकर मंथन जारी है. बिहार के साथ भी हाल ऐसा ही है. बिहार के सीट फॉर्मूले पर जनता दल यूनाइटेड और राष्ट्रीय जनता दल सहमत होते हैं या नहीं यह देखने वाली बात होगी. बिहार में इस बार लेफ्ट भी मजबूत स्थिति में हैं ऐसे में कांग्रेस को 12 सीटें मिल पाएंगी या नहीं, यह भी नहीं कहा जा सकता है.

यह भी पढ़ें- कड़कती ठंड के बीच इस राज्य में होगी बारिश, जानिए दूसरे राज्यों का हाल

यूपी में कांग्रेस को कैसे है इतना भरोसा 
कांग्रेस का तर्क है लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस पार्टी की वोट शेयरिंग बढ़ी है. समाजवादी पार्टी ने बहुजन समाज पार्टी को पर्याप्ट सीटें दी थीं, ऐसे में कांग्रेस भी ज्यादा सीटों के लिए अपनी दावेदारी ठोक रही है. अब कांग्रेस के इस फैसले पर अखिलेश यादव और बसपा सहमति देते हैं या नहीं यह भी देखने वाली बात होगी. ऐसा भी हो सकता है कि सपा सभी सीटों पर अपनी दावेदारी ठोके.

यूपी में इन सीटों पर हर हाल में लड़ेगी कांग्रेस
यूपी में कांग्रेस पार्टी की कुछ भरोसेमंद सीटे हैं. उन सीटों पर कांग्रेस अपने प्रत्याशियों को हर हाल में उतारेगी. अमरोहा, सहारनपुर, लखीमपुर खीरी, बिजनौर, मुरादाबाद, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी और बाराबंकी लोकसभा क्षेत्रों में कांग्रेस अपने उम्मीदवार जरूर उतारेगी. इन्हीं सीटों पर समाजवादी पार्टी का भी दमखम ठोंकेगी. इन राज्यों में अल्पसंख्यक वोटरों की बड़ी तादाद है, कांग्रेस और सपा दोनों को इन्हीं सीटों पर भरोसा है. सपा भी इन सीटों को अपना मानती है.

बिहार में कांग्रेस को चाहिए ये सीटें 
40 लोकसभा क्षेत्रों वाले बिहार में कांग्रेस कम से कम 12 सीटें चाहती है. कटिहार, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, औरंगाबाद, भागलपुर, बक्सर, सासाराम, मोतिहारी, वाल्मीकिनगर, नवादा और पटना सीटों पर कांग्रेस लड़ना चाह रही है.

कांग्रेस में शुरू मंथनों का दौर, क्या होगा इंडिया गठबंधन का भविष्य?
कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व अब अध्यक्ष, प्रभारियों और महासचिवों के साथ अहम बैठक करने वाली है. कांग्रेस अब विचार-मंथन सत्र आयोजित करने वाली है. इस अहम बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे करेंगे. बैठक में सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी मौजूद रहेंगे. प्रियंका गांधी भी इस बैठक में मौजूद रह सकती हैं.

यह भी पढ़ें- कौन हैं मीरा मांझी, जिसके घर पीएम मोदी ने पी थी चाय, अब लिखा पत्र और भेजे तोहफे

कांग्रेस के लिए गठबंधन समिति पहले ही अपनी रिपोर्ट मल्लिकार्जुन खड़गे और सोनिया गांधी को सौंप चुकी है. कांग्रेस लोकसभा चुनावों में करीब 290 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. शेष सीटों पर कांग्रेस गठबंधन पर लड़ना चाहती है.

दिसंबर में मल्लिकार्जुन खड़गे ने जबसे फेरबदल किया गया है, तब से नव नियुक्त महासचिवों और राज्य प्रभारियों की यह पहली बैठक होने वाली है. कांग्रेस अब मणिपुर से महाराष्ट्र तक भारत न्याय यात्रा पर जोर देने वाली है. अभी इंडिया गठबंधन के लिए समीकरण ऐसे बन रहे हैं कि क्षेत्रीय पार्टियां कांग्रेस को पर्याप्त सीटें देने के लिए तैयार नहीं हैं, कम सीटों पर कांग्रेस अपमानपूर्ण समझौता करेगी नहीं.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

congress bjp lok sabha election 2024 UP Bihar Rahul Gandhi Mallikarjun Kharge