CM की कुर्सी तक पहुंच गए थे ये दिग्गज नेता, आखिर में बने कांग्रेस पार्टी के 'डीके शिवकुमार'

Written By डीएनए हिंदी वेब डेस्क | Updated: May 19, 2023, 12:48 PM IST

Karnataka में मुख्यमंत्री की रेस में डीके शिवकुमार आगे चल रहे थे लेकिन कांग्रेस आलाकमान के फैसले के आगे उनकी एक न चली. इससे पहले भी कुछ नेताओं की स्थिति डीके शिवकुमार की तरह ही हो चुकी है.

डीएनए हिंदी: कर्नाटक के विधानसभा चुनाव (Karnatka Election) में बड़ी जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस पार्टी में सीएम पद को लेकर काफी माथापच्ची हुई है. पूर्व सीएम सिद्धारमैया (Siddaramaiah) और प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार (DK Shivkumar) के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली. पार्टी ने पांच दिन तक सीएम फेस को लेकर बैठकें कीं. इसके बाद 18 मई गुरुवार को सिद्धारमैया के नाम पर मुहर लगा दी गई और डीके को डिप्टी सीएम बनाने पर सहमति बनी. 

कांग्रेस ने सत्ता साझा करने के लिए डीके को डिप्टी CM बनाने का ऐलान किया है लेकिन CM पद के लिए रोटेशनल फॉर्मूले की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है. बता दें कि यह पहली बार नहीं है कि जब कांग्रेस में सीएम पद के लिए प्रमुख दावेदार नेताओं को झटका लगा हो. कांग्रेस आलाकमान पहले भी कई दिग्गज नेताओं की महत्वकाक्षांओं पर पानी फेर चुका है. 

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सचिन पायलट 

राजस्थान कांग्रेस में चल रही अंदरूनी कलह ने आगामी विधानसभा चुनाव से पहले आलाकमान के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है. सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच तनातनी अपने चरम पर पहुंचती जा रही है. पायलट ने 15 मई को पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर कार्रवाई करने के लिए अशोक गहलोत को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया था. बता दें कि पायलट को 2018 में सीएम नहीं बनाया गया था जबकि पिछले 5 सालों में कई बार वह पार्टी आलाकमान पर दबाव बना चुके हैं लेकिन कभी इस बात पर सहमति नहीं बनी.  

टीएस सिंह देव

छत्तीसगढ़ में 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद भूपेश बघेल को सीएम बनाया गया. रेस में उनके सामने टीएस सिंह देव थे. कुछ समय बाद देव और बघेल के बीच दरार बढ़ गई. 2022 में टीएस सिंह देव कई बार दिल्ली गए और सत्ता परिवर्तन को लेकर विधायकों तक की परेड हुई लेकिन आज भी भूपेश बघेल का सिक्का पूरे छत्तीसगढ़ में चल रहा है. टीएस सिंह देव यह कह चुके हैं कि वह अगला चुनाव तक नहीं लड़ेंगे. 

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प्रतिभा सिंह

हिमाचल प्रदेश में पिछले साल कांग्रेस ने BJP को सत्ता से बेदखल कर दिया था. राज्य में सीएम पद को लेकर वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह का नाम सबसे आगे था. प्रतिभा सिंह ने तब यह तर्क दिया कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव जीतने के लिए अपने दिवंगत पति के नाम का इस्तेमाल किया है. उन्होंने बार-बार मुख्यमंत्री चुने जाने के लिए अपने नाम की पैरवी की लेकिन आखिरी में नाम सुखविंदर सिंह सुक्खू का लिया गया. 

नवजोत सिंह सिद्धू

साल 2021 में कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद 2021 में सीएम पद खाली था. सीएम पद के लिए नवजोत सिंह सिद्धू और सुखजिंदर रंधावा के नाम की चर्चा शुरू हो गई. ऐसे में लंबे समय से सीएम की सीट पर सिद्धू नजर गड़ाए बैठे हुए थे लेकिन आलाकमान ने सिद्धू के सीएम बनने की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए दलित-सिख चेहरे चरणजीत सिंह चन्नी को चुना था. 

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ज्योतिरादित्य सिंधिया 

ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम 2018 विधानसभा चुनाव में जीत के बाद कांग्रेस में सीएम पद के लिए सबसे आगे चल रहा था लेकिन अंत में कुर्सी कमलनाथ के हाथ लगी थी. इसके बाद ही सिंधिया ने 2020 में विधायकों की फूट कर कमलनाथ की सरकार गिरा दी थी और बीजेपी में शामिल हो गए थे. फिलहाल सिंधिया केंद्र में मंत्री हैं. 

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