डीएनए हिंदी: Ranchi News- झारखंड के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता फुरकान अंसारी ने मंगलवार को कहा कि हम लोग पहले यादव थे, लेकिन हमारा जबरन धर्मांतरण कराया गया और हमें मुस्लिम बना दिया गया. मीडिया से बातचीत में पूर्व सांसद अंसारी ने कहा कि हमारे धर्मांतरण के लिए तत्कालीन सामंत जिम्मेदार थे, जिन्होंने हमारे दादा-परदादाओं पर इतना जुल्म किया कि वे धर्म बदलने पर मजबूर हो गए. अंसारी ने यह बात मुगल शासक औरंगजेब पर लग रहे जबरन हिंदुओं के धर्मांतरण के आरोपों के बीच कही है. उन्होंने औरंगजेब को पर धर्मांतरण के आरोपों को गलत बताया और कहा कि हम पर हिंदू समुदाय में अत्याचार होता था, इसलिए हम धर्म बदलकर मुस्लिम बन गए. यह प्रक्रिया जबरन नहीं थी बल्कि बेहद सौहार्दपूर्ण तरीके से हमारे समुदाय की पूरी मर्जी के साथ हुई थी.
'मुस्लिम मंडरिया हुआ करते थे पहले मंडल'
अंसारी ने कहा कि मुस्लिमों में जो मंडरिया समुदाय पाया जाता है, वह पहले मंडल सरनेम लिखता था. उस समय के सामंतों ने मंडलों पर हम यानी यादवों पर और महतो समाज पर इतने अत्याचार किए कि बहुत सारे लोग कन्वर्जन के जरिये मुस्लिम बन गए. यह धर्मांतरण किसी ने तलवार के दम पर नहीं कराया था बल्कि हम लोगों ने अपने इच्छा से धर्म बदला था. अंसारी ने कहा, तत्कालीन सामंती लोग गरीबों पर जुल्म करते थे. उनकी बहू-बेटी को अपनी बहू-बेटी नहीं समझते थे और उन का शोषण करते थे. गरीबों को मंदिर में नहीं घुसने देते थे. इन्हीं कारणों से धर्मांतरण को बढ़ावा मिला.
'अब भी जिंदा है सामंतवादी सोच'
अंसारी ने आरोप लगाया कि सामंतवादी सोच अब भी जिंदा है. मोदी सरकार के राज में दलित राष्ट्रपति के मंदिर जाने पर वहां के कैंपस को 5 टैंकर गंगाजल से धोया गया. यह सामंती सोच ही है. यही भाजपा की भी सोच है. बता दें कि फुरकान अंसारी का परिवार झारखंड के ताकतवार राजनीतिक परिवारों में शुमार होता है. फुरकान खुद सांसद रह चुके हैं, जबकि उनके बेटे डॉ. इरफान अंसारी जमताड़ा विधानसभा सीट से विधायक हैं. फुरकान अगले लोकसभा चुनाव में गोड्डा सीट से भाजपा के मौजूदा सांसद निशिकांत दुबे को चुनौती देने की घोषणा कर चुके हैं. फुरकान और इरफान अपने बयानों को लेकर लगातार विवादों और चर्चाओं में रहते हैं.
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